छत्तीसगढ़

याद रहे चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का करारा तमाचा, ईवीएम पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर कांग्रेस का तंज

नईदिल्ली : लोकसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान हो चुके हैं। अभी 5 चरणों के मतदान बाकी हैं। इस चुनावी दौर में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों ने जुबानी जंग की चिंगारियों को भड़काने का काम किया है। सबसे ऊपर सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस याचिका को खारिज करना है, जिसमें सभी वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों का ‘ईवीएम के जरिए डाले गए वोटों से मिलान’ करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

इसको लेकर, पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसा। कहा कि कोर्ट का फैसला विपक्ष पर एक ‘करारा तमाचा’था। शनिवार को, कांग्रेस ने पीएम के तंज पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने वह याचिका में पक्षकार नहीं है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री को चुनावी बांड मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘थप्पड़’ की याद दिलाई।

‘इलेक्टोरल बांड स्कीम पर पीएम को SC का थप्पड़’

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में, रमेश ने कहा कि VVPAT को लेकर जिस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया, उसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पक्षकार नहीं थी। फिर भी प्रधानमंत्री का कहना है कि VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला विपक्ष के लिए ‘करारा तमाचा’ है और हमें देश से माफी मांगनी चाहिए। याद रहे कि कुछ हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार से भरे इलेक्टोरल बांड स्कीम को न केवल अवैध माना था, बल्कि उसे असंवैधानिक करार देकर प्रधानमंत्री को ‘करारा तमाचा’ मारा था।

जयराम रमेश ने यह भी कहा कि माफी तो वास्तव में प्रधानमंत्री को मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने एक ऐसी स्कीम के माध्यम से निम्न ‘चार तरीकों’ का इस्तेमाल करके 5 सालों में 8200 करोड़ रुपए का चंदा इकट्ठा किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित किया है।

कौन से हैं चार तरीके?

  • प्रीपेड रिश्वत – चंदा दो, धंधा लो
  • पोस्टपेड रिश्वत – ठेका लो, घुस दो
  • पोस्टरेड रिश्वत – हफ्ता वसूली
  • फर्जी कंपनियां