नईदिल्ली : लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में हुए मतदान का फाइनल आंकड़ा मंगलवार को चुनाव आयोग ने जारी कर दिया. इस आंकड़े के मुताबिक पहले चरण में 66.14 और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ है. चुनाव आयोग के इस आंकड़े पर कांग्रेस, माकपा और टीएमसी ने सवाल उठाया है. विपक्ष की ओर से कहा गया है कि पहले और दूसरे फेज के मतदान आंकड़े जारी करने के लिए आखिर इतना वक्त क्यों लिया गया?
चुनाव आयोग ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के दोनों चरणों में हुए मतदान का फाइनल वोटिंग टर्नआउट जारी किया. इसके मुताबिक इस बार पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान करने वालों में 66.22 प्रतिशत पुरुष और 66.07 प्रतिशत महिला मतदाता शामिल रहे. थर्ड जेंडर के रजिस्टर्ड वोटरों में से 31.32 प्रतिशत ने मतदान किया. चुनाव आयोग के मुताबिक 2019 में पहले चरण में तकरीबन 69.43 फीसदी मतदान हुआ था.
दूसरे चरण में ऐसे रहे हालात
चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 88 सीटों के लिए जो वोट पड़े उनमें 66.99 प्रतिशत पुरुष मतदाता और 66.42 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस चरण में थर्ड जेंडर के रजिस्टर्ड मतदाताओं में से 23.86 ने मतदान किया. चुनाव आयोग के मुताबिक पिछले चुनाव के दूसरे चरण में 69.64 प्रतिशत वोट पड़े थे.
11 राज्यों में आधी आबादी ने मारी बाजी
निर्वाचन आयेाग के मुताबिक पहले चरण में जिन 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान हुआ था, उनमें से 11 राज्यों में महिला मतदाताओं ने बाजी मारी. इन राज्यों में असम, अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, जम्मू कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, तमिलनाडु, पुडुचेरी, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के नाम शामिल हैं. इसके अलावा दूसरे चरण में जिन 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान हुआ, उनमें असम, बिहार, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, केरल और पश्चिम बंगाल में पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं ने ज्यादा वोट डाले.
अंतिम आंकड़ों में होगा बदलाव
निर्वाचन आयोग ने यह आंकडे जारी करते वक्त यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मतदान के अंतिम आंकड़ों में अभी और फेरबदल हो सकता है, ऐसा डाक मतपत्रों की गिनती ओर कुल मतों की गिनती करने के बाद होगा. डाक मत पत्रों में वे वोट शामिल होंगे जो 85 वर्ष अधिक आयु के, दिव्याग, आवश्यक सेवाओं और चुनाव ड्यूटी पर कार्यरत मतदाता हैं.