छत्तीसगढ़

वो वैक्सीन क्यों दी, जिससे करोड़ों की जान को खतरा…, कोविशील्ड को लेकर अखिलेश ने बीजेपी को घेरा

नईदिल्ली : समाजवादी पार्टी प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर बीजेपी की केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा मोदी सरकार के निर्णय पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या ‘खतनाक वैक्सीन की डोज’ लगने के बाद उसे वापस किया जा सकता है?

सपा प्रमुख ने ब्रिटेन की एक फार्मास्युटिकल कंपनी की ओर से कोविशील्ड को लेकर किए गए दावे को लेकर केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन की डोज लगने से करोड़ों देशवासियों की जान को खतरा था, लेकिन बीजेपी ने फिर भी बढ़ावा दिया। भारत में बनी कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बड़ा दावा किया है। दरअसल, ये कोरोना वैक्सीन यूरोप में वैक्सजेवरिया के नाम से एक्सपोर्ट की गई थी, जिसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने बनाया है।

हाल ही में कोविशील्ड को लेकर दावा किया गया है कि इन COVID-19 टीकों में एक दुर्लभ दुष्प्रभाव देखने को मिला है, जिसे थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) कहा जाता है। ऐसे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, “कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी अधिक आपूर्ति के बहाने बाजार से अपनी घातक वैक्सीन वापस ले रही है। नाराज जनता बीजेपी सरकार से पूछ रही है कि जिन लोगों ने इसे ले लिया है उनके शरीर से यह खतरनाक वैक्सीन वापस कैसे आएगी?”

पूर्व सीएम ने बीजेपी पर हमला बोलेत हुए आगे कहा, “करोड़ों के चंदे के लालच में बीजेपी ने करोड़ों लोगों की जान खतरे में डाल दी है। बीजेपी अपने ही देशवासियों की जान जोखिम में डालकर ‘जन-द्रोही’ पार्टी बन गई है।”वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा, सीरम इंस्टीट्यूट ने दिसंबर 2021 से ही कोविशील्ड की अतिरिक्त खुराक का निर्माण और आपूर्ति बंद कर दिया था इसके साथ कंपनी ने 2021 में पैकेजिंग इंसर्ट में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस सहित सभी दुर्लभ से बहुत दुर्लभ दुष्प्रभावों का भी जिक्र किया था।

वहीं एक रिपोर्ट में कहा गया कि नाम ना छापने की शर्त पर टीकारण में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक एस्ट्राज़ेनेका के टीके ने वैश्विक औसत की तुलना में भारत में साइड इफेक्ट की सबसे कम घटनाएं सामने आईं। यहां 180 करोड़ खुराकों में से कोविशील्ड में करीब 80,000 रिएक्शन की घटनाएं सामने आईं, इनमें से 98 प्रतिशत साइड इफेक्ट में बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन या दर्द जैसी हल्की समस्याएं थीं। जबकि वैश्विक स्तर पर प्रत्येक 10 लाख खुराक में 4 से 10 मामले सामने आए। इनमें केवल लगभग 50 मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) और थ्रोम्बोसिस देखा गया दुर्लभ दुष्प्रभाव देखा गया।