नईदिल्ली I देश की राजनीति में सक्रिय होने की कोशिश कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल ही में दिल्ली दौरे से वापस लौटे हैं. कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एकजुटता को लेकर बड़ी पहल की है. राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि बिहार में सियासी खेले के बाद से उनका कद बढ़ गया है. लेकिन रणनीतिकार प्रशांत किशोर को ऐसा नहीं लगता है. उन्होंने दो टूक कह दिया है कि दिल्ली में नेताओं से मिलने कोई कद नहीं बढ़ने वाला है.
वे कहते हैं कि बिहार में हो रही राजनीतिक गतिविधियां राज्य तक ही सीमित रहती हैं. मैं नहीं मानता कि इसका राष्ट्रीय स्तर पर कोई असर पड़ने वाला है. अगर कोई दिल्ली में नेताओं से मिल भी रहा है, इसका मतलब ये नहीं निकाला जा सकता कि उसका राजनीतिक कद भी राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने लगा है. इस तरह से तो ममता बनर्जी और केसीआर भी दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. अब प्रशांत किशोर की तरफ से ये बयान तब आया है जब नीतीश कुमार ने उन्हें प्रचार करने वाला रणनीतिकार बता दिया था. यहां तक दावा हुआ था कि प्रशांत, बीजेपी के लिए रणनीति बना रहे हैं.
अब उस बयानबाजी के बीच ही प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर ये सियासी वार किया है. जानकारी के लिए बता दें कि अपने दिल्ली दौरे के दौरान नीतीश ने सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. इसके अलावा राहुल गांधी, शरद पवार, सीताराम येचुरी जैसे नेताओं के साथ भी मंथन किया गया. अब तो नीतीश कुमार, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करने की बात कर चुके हैं. ऐसे में विपक्षी एकजुटता को लेकर वे काफी गंभीर हैं. अपनी दावेदारी को जरूर नकार रहे हैं, लेकिन विपक्ष को एकजुट करने के लिए खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गए हैं.
वैसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी विपक्षी एकजुटता पर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि मैं, नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन 2024 में साथ आने वाले हैं. सभी विपक्षी पार्टियां साथ आकर बीजेपी को हराने का काम करेंगी. हम सब एक तरफ होंगे और दूसरी तरफ अकेली बीजेपी खड़ी होगी. बीजेपी का जो 300 सीट वाला घमंड है, उसे तोड़ दिया जाएगा. 2024 के चुनाव में खेला होबे होगा.