नईदिल्ली I चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. पहले प्रशांत किशोर (PK) ने ऐसी किसी मुलाकात से इंकार किया था लेकिन बाद में नीतीश कुमार से मुलाकात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, हां मैं दो दिन पहले उनसे मिला था. इस मुलाकात से कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या पीके यानी कि प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार एक बार फिर साथ आने वाले हैं. लेकिन इस कयास को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों के जरिए काफी कुछ कह दिया है.
प्रशांत किशोर ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता ट्वीट की है. इस ट्वीट का अर्थ नीतीश के साथ हुई मुलाकात से जोड़ा जा रहा है. इसमें प्रशांत ने लिखा है कि तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा. आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा? दिनकर….मीडिया में यह चर्चा कि प्रशांत का यह ट्वीट नीतीश कुमार के लिए है. इसमें संभवत: इस बात की ओर इशारा किया है कि नीतीश चाहते थे कि पीके उनके साथ आ जाएं. लेकिन उन्होंने मना कर दिया है.
अगर वे एक साल में बिहार में 10 लाख नौकरी दे देते हैं तो….
दरअसल मंगलवार को प्रशांत किशोर की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की चर्चाएं तेज हुई थी. इसके बाद दोनों ने चुप्पी साध ली थी. वहीं बाद में दोनों ने मुलाकात की बात कबूली ली. प्रशांत किशोर ने कहा कि हां मैं दो दिन पहले उनसे मिला था. लेकिन यह मुलाकात सामाजिक, राजनीतिक, शिष्टाचार की भेंट थी. इतना ही नहीं नीतीश कुमार के साथ गठबंधन या साथ आने को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर वे एक साल में बिहार में 10 लाख नौकरी दे देते हैं, तो ही कोई बात हो सकती है.
किशोर के साथ पुराना रिश्ता, मन में कड़वाहट नहीं
जदयू नेता जो पिछले महीने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ने के बाद से विपक्षी एकता कायम करने के लिए काम कर रहे हैं. इस बीच नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर से मिलने की पुष्टि की, लेकिन विवरण साझा करने से इनकार कर दिया था. कुमार ने कहा, यह एक सामान्य मुलाकात थी. इसमें बहुत कुछ नहीं था. उन्हें पवन वर्मा जो मुझसे कुछ दिन पहले भी मिले थे, अपने साथ लाए थे. यह पूछे जाने पर कि क्या किशोर को अपने शिविर में वापस लाने की उनकी योजना है, कुमार ने कहा, कृपया उनसे पूछें. मेरे पास इस मुद्दे पर कहने के लिए और कुछ नहीं है. कुमार ने यह भी कहा कि उनका किशोर के साथ एक पुराना रिश्ता रहा है और किशोर जिनपर उन्होंने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान कटाक्ष किया था, के प्रति किसी भी तरह की कड़वाहट नहीं है.
2015 चुनाव में साथ आए थे नीतीश और PK
बता दें कि किशोर ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुमार के लिए पेशेवर क्षमता में काम किया था और महागठबंधन की जीत पर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने के साथ मुख्यमंत्री के सलाहकार के पद से पुरस्कृत किया गया था. आईपैक के संस्थापक किशोर ने बाद में अन्य राज्यों में अन्य पार्टियों के चुनाव अभियान के प्रबंधन में व्यस्त रहे. वह वर्ष 2018 में जदयू में शामिल हुए जब कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. जदयू में शामिल होने के कुछ ही हफ्तों में वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किए गए, लेकिन सीएए-एनपीआर-एनआरसी (संशोधित नागरिकता कानून- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर- राष्ट्रीय नागरिक पंजी) विवाद पर मतभेद को लेकर तत्कालीन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वर्मा के साथ निष्कासित कर दिए गए.
इसके बाद हाल में किशोर ने कुमार के भाजपा से नाता तोड़कर बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बना लेने पर हाल में कहा था कि इस राजनीतिक फेरबदल का कोई देशव्यापी असर नहीं होगा. किशोर जिन्होंने 2014 में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए शानदार सफलतापूर्वक चुनाव अभियान का प्रबंधन किया था पर कटाक्ष करते हुए कुमार ने कहा था कि उनकी इस तरह की बयानबाजी से यही लोग समझेंगे कि उनका भाजपा के साथ रहने और भीतर से उसकी मदद करने का मन होगा.