छत्तीसगढ़

खुदा कसम, मैं कभी डोभाल से नहीं मिला, आतंकी धमकी पर बोले गुलाम नबी आजाद

नईदिल्ली I कांग्रेस छोड़ चुके दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद को आतंकी धमकी मिली है. जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के डाक बंगले में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें ऐसी जानकारी मिली है कि लश्कर ए तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है. अपनी पार्टी के ऐलान से पहले गुलाम नबी आजाद इस समय जम्मू कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं. इसी बीच उन्हें यह धमकी मिलने की बात सामने आई है.

अनंतनाग में आयोजित जनसभा में गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘मैंने ऐसी रिपोर्ट के बारे में सुना है कि आतंकी मुझे मारने की धमकी दे रहे हैं. वे कह रहे हैं कि मैं यहां आने से पहले गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजित डोभाल से मिला था. मैं कभी भी अजित डोभाल से नहीं मिला हूं. मैं खुदा की कसम खाता हूं. हां, मैं गृह मंत्री अमित शाह से मिला हूं क्योंकि वह गृह मंत्री हैं और ये मुलाकात संसद में हुई थी. यह मेरे काम का हिस्सा था. मैं विभिन्न दलों के नेताओं से मिलता हूं.’

पहले भी हुए हमले, खुदा ने बचाई जान: आजाद

गुलाम नबी आजाद ने इस दौरान उनके ऊपर पहले किए गए हमलों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर पंजाब और कश्मीर में 50 से अधिक बार हमले हुए हैं. लेकिन खुदा ने उनकी जान बचाई है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर खुदा मेरी जान लेता है तो वह इसके साथ मेरी उस जिंदगी को भी ले जिसे मैंने सिद्धांतों पर जिया है, ना कि झूठ पर.’

कश्मीर के लोगों से की अपील

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने केंद्र शासित प्रदेश को ‘डर, बेरोजगारी और लाचारी’ के साए से बाहर निकालने के लिए गुरुवार को लोगों से समर्थन मांगा है. पिछले महीने कांग्रेस छोड़ने वाले आज़ाद ने जनसभा में कहा कि वह ‘आज़ादी’, ‘स्वायत्तता’ या ‘स्व-शासन’ जैसे जज़्बाती मुद्दों को नहीं उठाएंगे, बल्कि सिर्फ उन मुद्दों के बारे में बात करेंगे जिन्हें हासिल किया जा सकता है. आजाद ने कहा, ‘मैं उन नेताओं की तरह नहीं हूं कि चुनाव जीतने के लिए आपके जज़्बातों से खेलूं.’

आजाद ने कहा कि नेता बनने के दो तरीके हैं- एक भावनात्मक नारे लगवाकर और दूसरा सिर्फ उन्हीं मुद्दों पर बात करना जो उनके बस में है. उन्होंने कहा, ‘मैं कहूंगा कि आपको आजादी मिलेगी. लेकिन, मिलेगी नहीं. क्या आपको यह पिछले 75 साल में मिली है? मैं कहूंगा कि आपको स्वायत्तता (नेशनल कॉन्फ्रेंस का नारा) या स्वशासन (पीडीपी का नारा) मिलेगा. इन नारों पर कई चुनाव लड़े गए, आपने देखा है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है. मैं ऐसे नारे क्यों लगाऊं?’