छत्तीसगढ़

सुप्रीम कोर्ट में यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के मामले पर सुनवाई आज

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी है। इससे पहले केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि युद्ध के कारण यूक्रेन से लौटे भारतीय अंडर ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों को देश के मेडिकल कालेजों में समायोजित नहीं किया जा सकता है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) अधिनियम, 2019 के तहत किसी प्रविधान के अभाव में भारतीय विश्वविद्यालयों में समायोजित नहीं किया जा सकता। उन्हें अगर ऐसी कोई छूट दी गई तो इससे देश की मेडिकल शिक्षा के मानकों पर गंभीर असर होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक हलफनामे में कहा है, जहां तक ऐसे छात्रों का संबंध है तो किसी भी विदेशी चिकित्सा संस्थानों या कालेजों से भारतीय मेडिकल कालेजों या विश्वविद्यालयों में मेडिकल छात्रों को समायोजित या स्थानांतरित करने का भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 या राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के साथ-साथ नियमों के तहत ऐसा कोई प्रविधान नहीं है। अभी तक, एनएमसी द्वारा विदेशी मेडिकल छात्रों को किसी भी भारतीय चिकित्सा संस्थान या विश्वविद्यालय में समायोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है।

पीड़ित याचिकाकर्ता दो कारणों से गए थे विदेश

खराब मेरिट वाले छात्रों को देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कालेजों में प्रवेश की अनुमति दी गई तो ऐसे कई अभ्यर्थियों की याचिकाएं दाखिल हो जाएंगी जिन्हें या तो कम प्रतिष्ठित मेडिकल कालेजों में प्रवेश लेना पड़ा या जिन्हें प्रवेश ही नहीं मिल सका।

किफायती मेडिकल शिक्षा के आधार पर विदेश जाने वाले छात्रों को अगर देश के निजी मेडिकल कालेज आवंटित कर दिए गए तो एक बार फिर वे संबंधित संस्थानों की फीस का बोझ सहन नहीं कर सकेंगे।