छत्तीसगढ़

कांग्रेस नेता ने शेयर की चीते के साथ तस्वीर, कहा- मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए तमाशा कर रहे पीएम मोदी

नईदिल्ली I पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को बाड़ों में छोड़ दिया है. पीएम मोदी ने इसको लेकर कहा, “जब समय का चक्र हमें अतीत को सुधारकर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है. आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है. दशकों पहले जैव विविधता की जो कड़ी टूट गई थी, आज उसे जोड़ने का हमें मौका मिला है. आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “पीएम शासन में निरंतरता को शायद ही कभी स्वीकार करते हैं. चीता प्रोजेक्ट के लिए 25.04.2010 को केपटाउन की मेरी यात्रा का ज़िक्र तक न होना इसका ताज़ा उदाहरण है. आज पीएम ने बेवजह का तमाशा खड़ा किया. ये राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और #BharatJodoYatra से ध्यान भटकाने का प्रयास है.”

‘मैं इस प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं देता हूं’

जयराम रमेश ने अगले ट्वीट में कहा, “2009-11 के दौरान जब बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में स्थानांतरित किया गया तब कई लोग आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे. वे गलत साबित हुए. चीता प्रोजेक्ट पर भी उसी तरह की भविष्यवाणीयां की जा रही हैं. इसमें शामिल प्रोफेशनल्स बहुत अच्छे हैं. मैं इस प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं देता हूं!”

‘चीतों के पुनर्वास के लिए नहीं हुए सार्थक प्रयास’

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से भारत आए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा. इस दौरान पीएम मोदी ने खुद इन चीतों की तस्वीरें लीं. चीतों को छोड़ने के बाद पीएम ने का एक संबोधन हुआ. उन्होंने कहा, “1947 में जब देश में केवल आखिरी तीन चीते बचे थे तो उनका भी शिकार कर लिया गया. ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ. आज आजादी के अमृतकाल में देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास में जुट गया है. अमृत में वो ताकत होती है जो मृत को भी पुनर्जीवित कर सकता है.”