जशपुर नगर I मनोरा विकासखंड के गांव मतलोंगा पहुंचने के लिए सीधी सड़क नहीं है, जो सड़क बनाई गई है वह दूसरे गांव से घूमकर जाती है। गांव पहुंचने के सीधे रास्ते पर ग्रामीणों का आवागमन आज भी जारी है और ग्रामीण बरसात में भरी हुई नदी को जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मौके पर पुल का निर्माण कराया जाना था, लेकिन अफसरों ने निर्माण दूसरी जगह करा दी। इधर अफसर शार्टकट के लिए जानबूझकर जोखिम भरा कदम उठाने की बात कह रहे हैं।
मतलोंगा गांव तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों ने नदी के दोनों छोर से एक रस्सी तान दी है। साथ ही नदी में बांस की एक नाव चलाई जा रही है। नाव के नीचे हवा से भरा हुआ ट्रैक्टर ट्यूब बांधा गया है और उस पर बांस की बल्लियां लोगों के बैठने व खड़े होने के लिए बनाई गई है। लोग बांस के इस नाव पर सवार होते हैं और रस्सी पकड़कर आगे बढ़ते हैं। रस्सी के सहारे ही नाव को गति दी जाती है और जान खतरे में डालकर लोग लावा नदी पार कर रहे हैं।
गांव की यह स्थिति तब सामने आई जब एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने मतलोंगा पहुंचने के लिए नाव की सवारी की। स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुष्पा भगत की ड्यूटी शिशु संरक्षण माह में लगी हुई है। पुष्पा भगत को मतलोंगा गांव पहुंचकर बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलानी थी। टीके वाले बॉक्स के साथ पुष्पा भगत ने नाव से सहारे नदी पार किया और नदी पार करते वक्त उनकी जोखिम से भरे सफर की वीडियो बनाकर किसी ने सोश्यल साइट्स पर वायरल कर दी। जिसके बाद विकास के दावों को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
लोग शाॅर्टकट के चक्कर में ऐसा करते हैं
मतलोंगा गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क बनी हुई है और उस सड़क पर पुल-पुलिया भी है। नदी के जिस रास्ते की वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल गांव पहुंचने का शॉर्टकट रास्ता है। लोग शाॅर्टकट रास्ते पर चलने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
अनिल तिवारी, सीईओ, जनपद पंचायत मनोरा।