छत्तीसगढ़

सीएए पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, 200 से ज्यादा याचिकाओं पर विचार करेगी बेंच

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में आज नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी। कई याचिकाओं में सीएए की वैधता को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में 12 सितंबर को भी इस मामले पर सुनवाई होनी थी, लेकिन तब एक हफ्ते के लिए सुनवाई टल गई थी। बता दें कि चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। जानकारी के मुताबिक, बेंच 200 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

इन्होंने दायर की याचिका?

सीएए के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) के अलावा कई लोगों ने याचिकाएं दायर की हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी सीएए के खिलाफ याचिका दायर की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि ये अधिनियम मूल मौलिक अधिकारों पर एक हमला है। इसमें बराबरी को असमानता माना गया है। राजद नेता मनोज झा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, मुस्लिम निकाय जमीयत उलमा-ए-हिंद, आल असम स्टूडेंट्स यूनियन, पीस पार्टी, सीपीआइ, एनजीओ रिहाई मंच और सिटिजन्स अगेंस्ट हेट, अधिवक्ता एमएल शर्मा ने भी सीएए को लेकर याचिका दायर की हुई हैं।

क्या है आइयूएमएल की दलील?

आइयूएमएल ने अपनी दलील में कहा कि यह कानून समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। इसमें अवैध प्रवासियों के एक वर्ग को धर्म के आधार पर नागरिकता देने का इरादा है। आइयूएमएल ने इस पर रोक लगाने की मांग की है।

2019 में जारी हुई थी अधिसूचना

केंद्र सरकार ने 2019 में सीएए को लेकर अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना में कहा गया है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों के लोगों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। इसे 10 जनवरी 2020 को लागू किया गया था।