नईदिल्ली I पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय एजेंसियों की ज्यादती के पीछे हाथ नहीं होने के दावे के एक दिन बाद, बीजेपी ने मंगलवार को कहा कि उसे तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. ममता ने सोमवार को कहा था कि उन्हें इन आरोपों पर विश्वास नहीं है कि मोदी प्रतिद्वंद्वियों को परेशान करने और डराने के लिए संघीय जांच एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ कर रहे हैं. विपक्ष द्वारा यह आरोप लगाए जाते रहे हैं कि पीएम मोदी विपक्ष को दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों की ज्यादतियों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित की है, जिसपर ममता बनर्जी ने बोलते हुए कहा कि बीजेपी के भीतर कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने फायदे के लिए ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कर रहे हैं. मंगलवार को, बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “बीजेपी में किसी को भी और निश्चित रूप से पीएम को ममता बनर्जी से किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.”
खुद ममता ने भी लगाए दुरुपयोग के आरोप
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी और उनका परिवार पिछले दिनों सीबीआई के रडार पर इसलिए था क्योंकि कोर्ट ने जांच के लिए अनिवार्य आदेश दिए थे. हालांकि खुद ममता बनर्जी और उनके पार्टी के नेताओं समेत तमाम विपक्षी दल केंद्र पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हैं. बंगाल विधानसभा ने सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा ज्यादती के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें 189 विधायकों ने पक्ष में मतदान किया और 69 (जिनमें से अधिकांश भाजपा विधायक थे) ने इसका विरोध किया.
टीएमसी के कई नेता रडार पर
यह प्रस्ताव ऐसे समय में पारित किया गया है जब सत्तारूढ़ तृणमूल के कई सदस्यों की केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं. इनमें ममता सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी भी शामिल हैं. उन्हें राज्य में एक कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था. पार्टी के बीरभूम जिले के प्रमुख अनुब्रत मंडल के खिलाफ कथित पशु तस्करी मामले में जांच की जा रही है. इनके अलावा ईडी ने कई अन्य के खिलाफ छापेमारी कर करोड़ों रुपए की जब्ती की है.