छत्तीसगढ़

बीजेपी के लिए काम कर रहे प्रशांत किशोर! JDU ने पदयात्रा पर उठाया सवाल, अब कहां है CBI-ED?

नईदिल्ली I बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (जेडीयू) ने अपने पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर बीजेपी की ओर से काम करने का आरोप लगाया. जेडीयू ने सवाल उठाया कि उनके बहुप्रचारित जन सूराज अभियान के लिए धन का स्रोत क्या है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किशोर की राज्यव्यापी पदयात्रा की निंदा करते हुए कहा कि बिहार के लोग जानते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में कितनी प्रगति हुई है. हमें प्रशांत किशोर से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. हालांकि किसी भी अन्य नागरिक की तरह वह भी मार्च या प्रदर्शन करने के लिए स्वतंत्र हैं. बता दें कि प्रशांत किशोर ने बिहार को पिछड़ा बताया था.

ललन सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर अपने अभियान को चाहे कोई भी नाम दें लेकिन ऐसा लगता है कि वह बीजेपी की ओर से काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से स्थापित राजनीतिक दलों को कितनी बार पूरे पन्ने का विज्ञापन देते हुए देखा गया है. प्रशांत किशोर ने अपनी पद यात्रा के लिए ऐसा किया. उन्होंने सवाल किया कि आयकर विभाग, सीबीआई या ईडी क्यों नहीं संज्ञान ले रहे हैं.

प्रशांत किशोर राजनीतिक बिचौलिया: बीजेपी

जेडीयू की तरफ से यह टिप्पणी बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद द्वारा एक बयान जारी करने के एक दिन बाद आई है. निखिल आनेद ने कहा था कि प्रशांत किशोर राजनीतिक बिचौलिया हैं, इनका नीतीश कुमार के साथ अंदुरूनी समझौता है.

बिहार के लिए करेंगे काम

बता दें कि बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले प्रशांत किशोर ने हर तरह के राजनेताओं के साथ काम किया है. किशोर ने दावा किया है कि उन्होंने पेशेवर राजनीतिक परामर्श को छोड़ दिया है और अपने गृह राज्य बिहार को बदलने के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया है. हालांकि, उनके कदम को राज्य के नेताओं द्वारा संदेह की दृष्टि से देखा जाता है.

2014 में मिली बड़ी पहचान

प्रशांत किशोर को बड़ी पहचान तब मिली थी जब उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान को संभाला था, जिसमें बीजेपी ने पहली बार बहुमत हासिल किया था. एक साल बाद, उन्होंने जेडीयू के महागठबंधन, लालू प्रसाद की आरजेडी और कांग्रेस को बिहार विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दिलाने में मदद की, जिससे बीजेपी की बाजी मारी.