नईदिल्ली I उत्तराखंड के उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में बर्फीले तूफान के कारण 20 पर्वतारोहियों की मौत हो गई है, वहीं, कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है. इस बर्फीले तूफान में नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के 28 ट्रेनी फंस गए थे. नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग की टीम के साथ जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी के जवान बचाव अभियान में जुट गए हैं.
बताया जा रहा है कि सभी पर्वतारोही 23 सितंबर को उत्तरकाशी में अभियान पर निकले थे. आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि ट्रेनिंग में प्रशिक्षक और प्रशिक्षणार्थी सहित कुल 175 लोग थे, जिसमें 29 लोग बर्फीले की चपेट में आए. 8 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि 21 लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है. रेस्क्यू के लिए हेलिकॉप्टर कि मदद ली जा रही है.
भुक्की के पास चल रहा था बेसिक और एडवांस कोर्स
इस हादसे को लेकर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने बताया है कि उत्तरकाशी में भुक्की के पास चल रहे बेसिक और एडवांस कोर्स के बच्चे आज सुबह पर्वतःरोहण की ट्रेंनिंग के लिए द्रोपदी के डण्डा पहुंचे, जिसकी ऊंचाई करीब ऊंचाई 5006 मीटर है. जहां अचानक बर्फीला तूफान आने से कई ट्रेनी फंस गए हैं.
तेजी से चलाया जा रहा है राहत और बचाव कार्य
इस घटना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लिखा है, ”द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए एनआईएम की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों की ओर से तेजी से राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है.”
एक अन्य ट्वीट में सीएम धामी ने लिखा, ”माननीय केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने हेतु अनुरोध किया है, जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है.”