छत्तीसगढ़

अनोखा मामला: 53 साल की मां करेगी बेटी के मां बनने का सपना पूरा, गर्भाशय करेगी डोनेट

नईदिल्ली I हर महिला का सपना मां बनना होता है। लेकिन कभी-कभी इसमें ऐसी मेडिकल अड़चन आ जाती है, जिसके बाद महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि आज के दौर में मेडिकल ने इतनी तरक्की कर ली कि मां बनने के लिए कई रास्ते बन चुके हैं, लेकिन इसमें भी कई तरह के कानून और अलग-अलग देशों की अपनी पॉलिसी हैं। ऐसी ही तकलीफ से इन दिनों 29 वर्षीय क्रिस्टी ब्रायंट गुजर रही है, जिसके बाद उनकी मां अब उनके दूसरे बच्चे का सपना पूरा करने में साथ देने वाली हैं।

क्रिस्टी ब्रायंट नहीं बन सकती अब मां

पूरा मामला ऑस्ट्रेलिया का है, जहां न्यू साउथ वेल्स की रहने वाली 29 वर्षीय क्रिस्टी ब्रायंट को 2021 में अपने पहले बच्चे वायलेट (Violet) के जन्म के वक्त दर्दनाक प्रसव के दौर से गुजराना पड़ा था। और डिलीवरी के बाद हुई कष्टकारी ब्लीडिंग के बाद एक आपातकालीन हिस्टेरेक्टॉमी से गुजरना पड़ा था। इस सर्जरी में पेट में चीरा लगाकर गर्भाशय को निकाला जाता है, इसका मतलब है कि उसे दूसरा बच्चा नहीं हो सकता।

सरोगेसी के बारे में बताई ये दिक्कत

वहीं अब वह फिर से मां बनने के के लिए तरस रही है। हाल ही में क्रिस्टी और उनकी मां मिशेल (53) ने एक पॉडकास्ट पर बच्चा गोद लेने और सरोगेसी का रास्ता चुनने की कठिनाइयों के बारे में बताया। कर्स्टी ने समझाया, ‘ऑस्ट्रेलिया में अगर कोई महिला गर्भधारण नहीं कर सकती है, तो वे सरोगेसी की कोशिश कर सकती हैं और जाहिर है कि वो एक तरह से पालन-पोषण और गोद लेना है। दुर्भाग्य से ऑस्ट्रेलिया में सरोगेसी से गुजरने के लिए यह एक बहुत लंबी प्रक्रिया है, हर देश के अपने कानून हैं। मैंने सरोगेसी पर कुछ रिसर्च की और एक फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से बात की, जिसके बाद मुझे ऐसा लगा कि शायद यह सब हमारे लिए नहीं है।’

गर्भाशय प्रत्यारोपण के लिए मां देंगी साथ

हालांकि, उनकी रिसर्च ने आशा की एक नई किरण दी है, क्योंकि उन्होंने गर्भाशय प्रत्यारोपण के लिए क्लिनिकल ट्रायल के बारे में पढ़ा और थोड़ा गहराई से जानने के बाद इसका फैसला किया। क्रिस्टी ने आगे बताया, ‘मैंने कुछ पूछताछ की और तभी मैंने अपनी मां को फोन किया और कहा, ‘हाय, मॉम, सोचिए अगर एक हिस्टरेक्टॉमी के जरिए मैं आपका गर्भाशय ले सकती हूं और फिर से बच्चे को जन्म दे सकती हूं, तो आपको कैसा फील होगा?’ अपने बेटी की बात सुनने के बाद मां ने कहा कि जरूर अगर तुम यही चाहते हो। मैं तुम्हारी मदद करूगी।’

ऐतिहासिक क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी

वहीं मिशेल ने कहा कि मैं अपनी बेटी को फिर से मां बनते हुए देखूंगी। यह अद्भुत होगा। मैं यह देखने के लिए उत्साहित हूं कि भविष्य हमारे लिए क्या देता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सिडनी में रॉयल हॉस्पिटल फॉर विमेन में एक ऐतिहासिक क्लिनिकल ट्रायल के हिस्से के रूप में एक ऑस्ट्रेलियाई महिला अपनी मां के गर्भाशय को हासिल करने की तैयारी कर रही है।

जिस कोख से खुद हुईं, अब उसी से बच्चे को देंगी जन्म

ऐसे में अगर ट्रांसप्लांट सर्जरी सफल होती है, तो वह संभावित रूप से उसी गर्भ से क्रिस्टी बच्चे को जन्म देगी, जिससे वह खुद पैदा हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गर्भाशय प्रत्यारोपण दुनिया भर में 70 से ज्यादा बार किया गया है और इसके परिणामस्वरूप 40 से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ है।