छत्तीसगढ़

शादी के बारे में जानते हुए संबंध रखना, रेप नहीं, लव और पैशन है, केरल हाईकोर्ट का फैसला

नईदिल्ली I इस खबर की शुरुआत हम एक कहानी की तरह करते हैं, ताकि आपके लिए इसे समझना आसान हो. हुआ ये कि केरल हाईकोर्ट में 33 साल के एक व्यक्ति ने उसके खिलाफ शादी का झूठा वादा कर संबंध बनाने (आईपीसी की धारा-420 और धारा-406) और बलात्कार (आईपीसी की धारा-376) के आरोपों को खारिज करने के लिए याचिका दायर की थी. मामले में जब हाईकोर्ट ने सुनवाई की, तो कई पहलू सामने आए और फिर एक बड़ा फैसला उसने सुनाया.

मामले की सुनवाई के दौरान पाया गया कि लड़के (याचिकाकर्ता) के जिस लड़की (शिकायतकर्ता) के साथ संबंध थे, उस लड़की को पहले से पता था कि वह शादीशुदा है. दोनों एक दूसरे को साल 2010 से जानते थे. लड़के के शादीशुदा होने के बारे में उसे 2013 में पता चला, इसके बाद भी दोनों ने अपने संबंध को जारी रखा. दोनों के बीच संबंध लड़के की शादी से पहले से थे, जो बाद में भी जारी रहे. यहां तक कि जब लड़के ने तलाक ले लिया, उसके बाद भी दोनों का संबंध बना रहा. ऐसे में लड़के के खिलाफ शादी का झूठा वादा कर संबंध बनाने का आरोप नहीं बनता है. ये बात शिकायतकर्ता के इस तरह के आरोपों को खारिज करती है.

इसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों लोगों के बीच शारीरिक संबंध को लेकर भी अपनी टिप्पणी की. केरल हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच का संबंध पूरी तरह से आपसी सहमति से बना संबंध है. इस मामले में दर्ज एफआईआर में कहीं भी ये बात सामने नहीं आई है कि आरोपी (लड़के) ने कब लड़की से शादी करने का वादा किया. ना ही ये बात निकलकर आती है कि उसने लड़की को धोखा देने की कोशिश की. ऐसे में इस दौरान जो संबंध बने उन्हें बलात्कार के दायरे में नहीं रखा जा सकता, बल्कि ये महज ‘Love & Passion’ की बात है.इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को खारिज कर दिया.