छत्तीसगढ़

चेक बाउंस हुआ तो दूसरे खातों से काटा जा सकता है पैसा, वित्त मंत्रालय ऐसे कदम उठाने पर कर रहा विचार

नई दिल्ली । चेक बाउंस के मामलों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए वित्त मंत्रालय चेक जारी करने वाले के अन्य खातों से पैसा काटने और ऐसे मामलों में नए खाते खोलने पर रोक लगाने जैसे कई कदमों पर विचार कर रहा है। चेक बाउंस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंत्रालय ने हाल में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें इस तरह के कई सुझाव प्राप्त हुए हैं। दरअसल, ऐसे मामलों से कानूनी प्रणाली पर भार बढ़ता है। इसलिए कुछ ऐसे सुझाव दिए गए हैं जिनमें कुछ कदम कानूनी प्रक्रिया से पहले उठाने होंगे।

अन्य खातों से राशि काट लेगा बैंक

मसलन, चेक जारी करने वाले के खाते में पर्याप्त पैसा नहीं है तो उसके अन्य खातों से राशि काट लेगा । सूत्रों के मुताबिक अन्य सुझावों में चेक बाउंस के मामले को कर्ज चूक की तरह लेना और इसकी जानकारी ऋण सूचना कंपनियों को देना शामिल है, जिससे कि चेक जारी करने वाले के सिबिल स्कोर को कम किया जा सके।

गलत प्रचलन पर लगेगी रोक 

उन्होंने कहा कि इन सुझावों को स्वीकार करने से पहले कानूनी राय ली जाएगी। ये सुझाव अमल में आते हैं, तो भुगतानकर्ता को चेक का भुगतान करने पर मजबूर होना पड़ेगा और मामले को अदालत तक ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे कारोबारी सुगमता बढ़ेगी तथा खाते में पर्याप्त पैसा नहीं होने के बावजूद चेक जारी करने के चलन पर भी रोक लगेगी।

पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री किया था अनुरोध

उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने हाल ही में वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया था कि चेक बाउंस के मामले में बैंक से पैसा निकलने पर कुछ दिन तक अनिवार्य रोक जैसे कदम उठाए जाएं जिससे कि चेक जारी करने वालों को जवाबदेह बनाया जा सके।

दो वर्ष तक कैद का सावधान प्रावधान

चेक जारी करने वाले के अन्य खाते से राशि स्वत: काटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया और अन्य सुझावों को देखना होगा। चेक बाउंस होने का मामला अदालत में दायर किया जा सकता है और यह एक दंडनीय अपराध है जिसमें चेक की राशि से दोगुना जुर्माना या दो वर्ष तक का कारावास या दोनों सजा हो सकती है।