छत्तीसगढ़

सुनवाई के लिए 400 केस की लिस्टिंग नहीं हुई तो नाराज हुए CJI ललित, बोले- कार्रवाई करेंगे

नईदिल्ली I सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश यूयू ललित सुनवाई के लिए 400 मामलों की लिस्टिंग नहीं किए जाने से नाराज हो गए. उन्होंने एक टार्गेट बनाया था कि उनके कार्यकाल में ज्यादा से ज्यादा पुराने और लंबे समय से पेंडिंग मामलों का निपटारा किया जाएगा. 400 मामलों की लिस्टिंग नहीं किए जाने से नाराज सीजेआई ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह मामलों की रजिस्ट्री के जरिए सुनवाई के लिए लिस्टिंग नहीं करना एक गंभीर मुद्दा है.

सीजेआई ललित ने कहा कि मामलों की लिस्टिंग नहीं किए जाने के पीछे की वजह का पता लगाया जाएगा और जो भी अधिकारी इसके जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीफ जस्टिस ललित ने कहा कि रजिस्ट्री का एक हिस्सा मामले को लंबित रखा हुआ है. उन्होंने कहा कि मामलों की लिस्टिंग क्यों नहीं की गई, इसकी वजह अभी मालूम नहीं है. 31 अक्टूबर से उन मामलों को सुनवाई के लिए लिस्टिंग किया जाएगा. जस्टिस यूयू ललित जब मुख्य न्यायधीश के पद पर नियुक्त किए गए थे, तभी उन्होंने कई टारगेट बनाए थे.

22 साल से सुनवाई के लिए लंबित है मामला

सीजेआई ने टारगेट बनाया था कि उनके कार्यकाल में प्रति दिन ज्यादा से ज्यादा मालमों की सुनवाई की जाएगी और उसका निपटारा किया जाएगा. सीजेआई तब नाराज हो गए, जब एक मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील ने बताया कि 22 सालों से उनका मामला सुनवाई के लिए लंबित है. इसके बाद सीजेआई ललित नाराज हो गए और मामलों की सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं किए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही.

SC में करीब 70,000 मामले लंबित

सीजेआई की बेंच ने इस सच्चाई पर भी चिंता जताई कि इस तरह जस्टिस डिलिवरी सिस्टम में बाधा है और इसे रोकना जरूरी है. गौरतलब है कि सीजेआई यूयू ललित का टारगेट था कि उनके कार्यकाल में पुराने मामलों और उन मामलों को निपटाने पर काम किया जाए, जिनकी लंबे समय से सुनवाई नहीं हुई है. CJI की इस पहल के बाद, कई संविधान बेंच के कई मामलों की सुनवाई कई वर्षों के बाद हुई. 1 अक्टूबर तक भारत के सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में 69,461 मामले लंबित हैंच.