जम्मू I जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में दिवाली के दिन एक संदिग्ध गैस सिलेंडर मिलने से हड़कंप मच गया है. घटना श्रीनगर के परिमपोरा इलाके की है. मौके पर पुलिस और जांच एजेंसियां पहुंच गई हैं. पुलिस को इस गैस सिलेंडर में IED होने की आशंका है, इसलिए बम डिस्पोजल स्क्वायड को बुलाया गया है.
दरअसल, आतंकी बड़े पैमाने पर नुकसान के लिए IED ब्लास्ट को अंजाम देते हैं. 2016 में पठानकोट एयरबेस में आतंकियों ने IED ब्लास्ट के जरिये ही वारदात को अंजाम दिया था, जिसमें बड़े पैमाने पर लोग घायल हुए थे. IED भी एक तरह का बम ही होता है, लेकिन ये मिलिट्री के बमों से कुछ अलग होता है. आतंकी IED का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नुकसान के लिए करते हैं.
IED ब्लास्ट होते ही मौके पर अक्सर आग लग जाती है, क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. खासकर आतंकी सड़क के किनारे IED को लगाते हैं, ताकि इस पर पांव पड़ते या गाड़ी का पहिया चढ़ते ब्लास्ट हो जाता है. IED ब्लास्ट में धुआं भी बड़ी तेजी से निकलता है.
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन घाटी में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर के मामले सामने आ रहे हैं. जिसमें कई दहशतगर्दियों को सेना ने ढेर भी किया है. सेना के मुताबिक घाटी में अभी कुल 137 आतंकी सक्रिय हैं. इनमें 54 लोकल आतंकी और 83 विदेशी (पाकिस्तानी) मूल के आतंकी हैं. CRPF सूत्रों के मुताबिक विदेशी आतंकियों की संख्या इन दिनों जम्मू कश्मीर में बढ़ी है. वहीं लोकल आतंकियों का रिक्रूटमेंट कम हुआ है.