नईदिल्ली I सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार (31 अक्टूबर) को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है. राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री को एसएससी भ्रष्टाचार मामले में सोमवार को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने पार्थ चटर्जी समेत मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व अधिकारियों की भी न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है.
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) में ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती में धोखाधड़ी के आरोपों के संबंध में एक आरोप पत्र दायर किया था. जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पर मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया था. सीबीआई ने चार्जशीट में चटर्जी के अलावा 15 लोगों को नामजद किया था.
ईडी ने 100 करोड़ की नकदी की थी जब्त
पार्थ चटर्जी को उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 जुलाई को एसएससी भर्ती घोटाले में मनी लान्ड्रिंग की जांच के दौरान गिरफ्तार किया था. केंद्रीय एजेंसी ने पहले मुखर्जी के फ्लैटों से आभूषण और संपत्ति के दस्तावेजों के साथ करोड़ों की नकदी जब्त की थी. ईडी ने पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश आरोपपत्र में कहा था कि बरामदगी की कुल राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक है.
पार्थ चटर्जी पर लगे हैं ये आरोप
ईडी के आरोपों के अनुसार, पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते हुए ये घोटाला हुआ था. पूर्व मंत्री राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए अवैध रूप से शिक्षकों को नियुक्त करने की आपराधिक साजिश में शामिल थे. सीबीआई ने 16 सितंबर को पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत प्राप्त की और उसके बाद वह न्यायिक हिरासत में रहे.
बंगाल सरकार ने मंत्री पद से हटाया
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पार्थ चटर्जी को उनकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया था. उनको बंगाल सरकार के मंत्री पद से भी हटा दिया गया था. चटर्जी ने अपनी गिरफ्तारी के समय ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार में संसदीय मामलों, उद्योग और वाणिज्य सहित कई विभागों का कार्यभार संभाला था.