छत्तीसगढ़

नीरज चोपड़ा को पराठा-चाय तक नसीब नहीं, ओलिंपिक के बाद कर दी थी बड़ी गलती!

नईदिल्ली I नीरज चोपड़ा इस समय भारतीय खेल जगत के पोस्टर बॉय हैं. इस खिलाड़ी ने जैवलिन थ्रो में इतिहास रचते हुए भारत का सिर गर्व से ऊंचा किया है और लगातार आगे बढ़ रहे हैं. नीरज ने हर बड़े टूर्नामेंट में अपनी धाक जमाई है. उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक-2020 में स्वर्ण पदक जीता, इसके बाद डायमंड लीग, विश्व चैंपियनशिप में भी पदक जीत वो काम किए जो किसी भारतीय खिलाड़ियों के लिए बहुत मुश्किल थे. लेकिन ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद नीरज का वजन बढ़ने लगा था और वह फिटनेस को लेकर संघर्ष कर रहे थे.

नीरज ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया. नीरज ने बताया कि अब हालांकि उन्होंने अपने खान-पान पर कंट्रोल कर लिया है और डाइट के मुताबिक ही खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर वह अपनी डाइट को लेकर गलती करते हैं तो कोच ट्रेनिंग में इसकी भरपाई करेंगे.

नीरज हो गए थे आउट ऑफ कंट्रोल

नीरज ने कहा, “ओलिंपिक के बाद मैंने अपना कंट्रोल खो दिया था और मेरा वजन बढ़ गया था. अब मैं कंट्रोल कर रहा हूं, लेकिन ट्रेनिंग के दौरान ये अपने आप होता है कि आप ऐसा खाना खाना पसंद नहीं करते जो सेहत के लिए सही न हो. मैं जानता हूं कि अगर मैं पराठा या कुछ और खाऊंगा तो अगले दिन कोच मुझसे ट्रेनिंग में इसकी भरपाई करवाएंगे. अगर आप खुद कंट्रोल कर सकते हो तो अच्छे परिणाम हासिल कर सकते हो.”

नीरज नहीं पीते चाय

नीरज ने उन चीजों को बारे में बताया जिनको वो अपनी डाइट में शामिल करते हैं. उन्होंने बताया कि वह चाय तक नहीं पीते. नीरज ने कहा, “चाय नहीं पीता. हम कई बार भारतीय रेस्टोरेंट्स में खाते हैं, लेकिन अधिकतर उबला हुआ खाना, सलाद और फल खाते हैं. फिर आपको नॉन वेज भी खाना होता है- चिकन, फिश और अंडे. ये स्पोर्ट्स सेंटर है तो ये लोग वही खाना बनाते हैं जो एथलीटों के लिए अच्छा होता है. आपके पास दही, बैरी जैसे तमाम विकल्प होते हैं.”

मिठाई तक नहीं छूते नीरज

नीरज ने बताया कि वह मिठाई तक नहीं खाते जबकि उनके सामने कई तरह की मिठाइयां रखी रहती हैं. उन्होंने कहा, जब हम तुर्की में थे, बाकलावा जैसी मिठाई बहुत शानदार थी, लेकिन मैं उसे खा नहीं सकता था. अगर मुझे ज्यादा इच्छा होती है तो मैं सप्ताह में एक पीस खा सकता हूं. हर दिन मिठाई काउंटर पर होती थी. मुझे नहीं पता कि क्या वो खिलाड़ियों की परीक्षा लेने के लिए ऐसा करते थे. मैं और कोच मिठाई की तरफ देखते भी नहीं थे क्योंकि अगर हम देखते तो हो सकता है कि मिठाई उठा लेते.