छत्तीसगढ़

कफ सिरप से 66 बच्चों की मौत की जिम्मेदार भारतीय कंपनी नहीं? गाम्बिया सरकार ने अब दी ये जानकारी

नईदिल्ली I गाम्बिया ने अभी तक पुष्टि नहीं की है कि भारत की मेडेन फार्मास्युटिकल्स के कफ सिरप से बच्चों की मौत हुई थी. रायटर ने गाम्बिया की मेडिसिन कंट्रोल एजेंसी के एक प्रतिनिधि के हवाले से ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि खांसी की दवाई ही गुर्दे की चोट से 66 बच्चों की मौत का कारण बनी थी. 

गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ ने बीती 5 अक्टूबर को भारत के मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के खांसी के सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया था. डब्ल्यूएचओ ने संभावित रूप से इसे गाम्बिया में 66 बच्चों की मौतों से जोड़ा था. मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप को लेकर ये अलर्ट जारी किया था.

कंपनी ने दी थी सफाई

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जांचकर्ताओं ने उत्पादों में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल के “अस्वीकार्य” स्तर पाए थे. इसके बाद मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड मे भी मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि हम घरेलू बाजार में कुछ नहीं बेच रहे हैं. हम कच्चा माल प्रमाणित और प्रतिष्ठित कंपनियों से ले रहे हैं. डब्ल्यूएचओ के दावे के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने जांच शुरू की थी. 

हरियाणा में उत्पादन किया था निलंबित

हरियाणा राज्य के ड्रग अधिकारियों ने बाद में मेडेन फार्मा की निर्माण सुविधा के निरीक्षण के दौरान खामियां पाईं थी और सोनीपत जिले में कफ सिरप का उत्पादन निलंबित कर दिया था. वहीं डीसीजीआई की विशेषज्ञ समिति ने 15 अक्टूबर की अपनी पहली बैठक में कहा था कि बच्चों के उपचार को लेकर डब्ल्यूएचओ (WHO) ने अब तक जो जानकारी साझा की है वो पर्याप्त नहीं है