छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ः अफसरों-कारोबारियों को मुर्गा बनाकर पीट रही है ED-IT, राज्य सरकार तक पहुंची शिकायत, CM भूपेश बोले- पुलिस कार्रवाई करेगी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कार्रवाई कर रही केंद्रीय एजेंसियां प्रवर्तन निदेशालय-ED और आयकर विभाग-IT बयान लेने के लिए अफसरों-कारोबारियों को मुर्गा बनाकर पीट रही हैं। उनकी पिटाई से कई लोगों की हड्‌डी टूट गई है। कई लोगों को सुनाई देना बंद हो गया है। इसकी शिकायत राज्य सरकार तक पहुंची है।

रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश ने इन शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय एजेंसियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, विधिक ढंग से जांच में हमारा पूर्ण सहयोग रहेगा। लेकिन ऐसी शिकायतें हमें आगे भी प्राप्त होंगी, तो राज्य की पुलिस विधिक रूप से कार्रवाई हेतु विवश होगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा, केंद्रीय एजेंसियां देश के नागरिकों की ताकत होती हैं। यदि इन ताकतों से नागरिक डरने लगें तो निश्चित ही यह नकारात्मक शक्ति देश को कमजोर करती है। ED और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करें, हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन जिस प्रकार से ED और इनकम टैक्स के अधिकारियों द्वारा लोगों से पूछताछ के दौरान गैर कानूनी कृत्य सामने आ रहे हैं, वो बिल्कुल भी स्वीकार करने योग्य नहीं हैं।

लोगों को वहीं समन देकर जबरन घर से उठाना। उनको मुर्गा बनाना, मार-पीट कर दवाब डालकर मन चाहा बयान देने को बाध्य करना। आजीवन जेल में सड़ने की धमकी देना। बिना खाना-पानी के देर रात तक रोक कर रखना जैसे गंभीर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। वे स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना CRPF को साथ लेकर छापा मारी कर रहे हैं। अधिकारियों से शिकायत प्राप्त हुई है, कुछ लोगों को रॉड से पीट रहे हैं, किसी का पैर टूटा है तो किसी को सुनाई देना बंद हो गया है। इन घटनाओं से प्रदेश की जनता बहुत गुस्से में है। राजनीतिक षड्यंत्र की पूर्ति के उद्देश्य से झूठे प्रकरण बनाने का खेल प्रतीत हो रहा है।

केंद्र सरकार से शिकायत करने का निर्देश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा, उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भारत सरकार को इन सब घटनाओं की जानकारी दी जाए और अवैधानिक कृत्यों पर रोक लगायी जाए। जिससे भी पूछताछ हो, उसकी विडियोग्राफ़ी हो। विधिक ढंग से जांच में हमारा पूर्ण सहयोग रहेगा। यदि ऐसी शिकायतें हमें आगे भी प्राप्त होंगी, तो राज्य की पुलिस विधिक रूप से कार्रवाई हेतु विवश होगी। हमारे नागरिकों की सुरक्षा हेतु हम कृत संकल्पित हैं। सनद रहे।

सितम्बर में भी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 26 सितम्बर को भिलाई में अग्रसेन जयंती समारोह में शामिल हुए थे। वहां कुछ कारोबारियों ने उनसे कहा, आयकर विभाग, डाइरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस और प्रवर्तन निदेशालय जिन लोगों को बुला रही हैं, उन्हें धमकी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने उस दिन कहा, यह उचित नहीं है। बाद में रायपुर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, सेंट्रल एजेंसी आए उनका स्वागत है। उन्हें बनाया ही इसलिए गया है कि कहीं गलत हो रहा हो तो उसपर कार्रवाई करें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जो अधिकारी आए वह यहां के लोगों को धमकाये-चमकाए। वे व्यापार कर रहे हैं, उद्योग चला रहे हैं तो यह अपराध नहीं है। उनसे अपराधियों जैसा व्यवहार करना बिल्कुल गलत बात है। अगर छत्तीसगढ़ सरकार को शिकायत मिलती है तो निश्चित रूप से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ED की कार्यशैली को रिमोट संचालित बताया
मुख्यमंत्री ने तब कहा था, सेंट्रल एजेंसियां अपने उद्देश्यों से भटक चुकी हैं। उनके अफसरों ने भारत के संविधान की जो शपथ ली है उसका पालन तो वे कर ही नहीं रहे हैं। हमने यहां कहा कि चिटफंड कंपनियों ने छह-साढे हजार करोड़ रुपए लूटे हैं। कहीं न कहीं उसमें मनी लांड्रिंग हुआ है। उसमें क्यों नहीं कर रहे हैं कार्रवाई। यहां तो लोगों का पैसा गया है। आप उसमें कार्रवाई नहीं करोगे। जो ब्रांड एंबेसडर बाहर घूम रहे हैं उनसे पूछताछ भी नहीं करोगे। आप की कार्यशैली ऐसी है कि किसी के रिमोट से आप चल रहे हैं। यह प्रजातंत्र के लिए कत्तई उचित नहीं है।