छत्तीसगढ़

लखीमपुर खीरी हिंसा: मुख्य गवाह और उसके भाई पर जानलेवा हमला, मंत्री के करीबियों पर शक

नईदिल्ली I उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक गवाह प्रभजोत सिंह पर जानलेवा हमला हुआ है. हमले के वक्त प्रभजोत अपने भाई सर्वजीत सिंह के साथ एक मुंडन कार्यक्रम में गए थे. रास्ते में घात लगाकर बैठे कुछ लोगों ने तलवार से उनके ऊपर हमला बोल दिया. हालांकि इस हमले में बाल बाल बच गए हैं. उन्होंने पुलिस में शिकायत दी है. फिलहाल प्रभजोत को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन खतरे की कोई बात नहीं है.

पुलिस को दिए बयान में प्रभजोत ने आरोप लगाया कि यह हमला केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी व उनके बेटे अशीष मिश्रा के करीबियों ने किया है. हालांकि पुलिस उनके इस बयान से सहमत नहीं है. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है. लखीमपुर एसपी संजीव सुमन ने बताया कि यह दो गुटों के बीच पुरानी रंजिश का मामला है. इससे केंद्रीय मंत्री व उनके बेटे से कोई वास्ता नहीं. फिलहाल तिकुनिया थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

आशीष मिश्रा पर तय हो चुके हैं आरोप

लखीमपुर खीरी मामले में एडीजे फर्स्ट की अदालत ने छह दिसंबर को ही केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत सभी 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट में आरोप निर्धारित किए गए हैं. अब इस मामले में 16 दिसंबर से ट्रायल किया जाएगा. इसके तहत मामले में चिन्हित गवाहों को कोर्ट में बुलाकर उनकी गवाही कराई जानी है.

जानिए पूरा मामला

किसान आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर में कार्यक्रम था. किसान उनका विरोध करना चाह रहे थे. इसी बीच तिकुनिया थाना क्षेत्र में इन किसानों के साथ हिंसा हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने ही यह हिंसा कराई. इसमें थार जीम से किसानों को कुचल दिया गया था. इस वारदात में चार किसानों की मौत हो गई थी. वहीं बाद में जब हिंसा भड़की तो चार और लोग मारे गए थे.