नईदिल्ली I भारत का प्रमुख घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट टूर्नामेंट, रणजी ट्रॉफी फिर लौट आया है. मंगलवार 13 दिसंबर से 38 टीमों वाले टूर्नामेंट की शुरुआत हो रही है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछला सीजन बदले हुए फॉर्मेट में खेला गया था, लेकिन इस बार ये अपने पुराने अंदाज में लौट आया है. वैसे इस फॉर्मेट में कई ऐसे खिलाड़ियों पर नजरें रहेंगी, जिनका पत्ता टीम इंडिया से फिलहाल कट चुका है.
एक साल पहले तक भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान रहे अजिंक्य रहाणे अब इस टीम इंडिया का हिस्सा भी नहीं हैं. ऐसे में उनके पास घरेलू क्रिकेट में पुराना रंग हासिल करने का मौका है. 34 साल के अनुभवी बल्लेबाज को सबसे सफल रणजी टीम मुंबई की कमान सौंपी गई है. पिछले सीजन के फाइनल में हारने वाली मुंबई को इस दिग्गज बल्लेबाज और कप्तान से सफलता की उम्मीद होगी.
कपिल देव के बाद भारत के लिए 100 टेस्ट मैच खेलने वाले इकलौते अन्य तेज गेंदबाज इशांत शर्मा भी अब टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं और वापसी की उम्मीद भी नहीं है. इसके बावजूद संभावनाओं से इन्कार नहीं करना चाहिए. यही कारण है कि इशांत अपने अनुभव से दिल्ली के सालों से चले आ रहे खिताबी सूखे को खत्म करने का दारोमदार उठाते दिखेंगे.
मयंक अग्रवाल ने तीन साल पहले भारतीय टेस्ट टीम में ओपनर के रूप में अच्छा आगाज किया था लेकिन धीरे-धीरे प्रदर्शन में आई गिरावट का नतीजा है कि बैकअप ओपनर के रूप में भी उनकी जगह नहीं है. करियर की शुरुआत में डॉन ब्रैडमैन जैसी तेजी से रन बना रहे मयंक अब टीम इंडिया में वापसी के लिए फिर से जोर लगाएंगे. उन्हें कर्नाटक की कप्तानी दी गई है.
कहां तो चेतेश्वर पुजारा के रिप्लेसमेंट के रूप में हनुमा विहारी को भविष्य माना जा रहा था, कहां पुजारा बांग्लादेश में उप-कप्तान बन गए हैं और विहारी टीम में जगह भी नहीं बना सके. इंडिया ए के साथ भी उन्हें शामिल नहीं किया गया. ऐसे में आंध्र प्रदेश की कमान संभाल रहे इस बल्लेबाज के सामने अपनी खोई जगह वापस हासिल करने की चुनौती है, क्योंकि तीसरे नंबर की उस पोजिशन के लिए कई दावेदार उभर चुके हैं.