बीजिंग। चीन में कोरोना प्रतिबंधों में ढील के बाद वहां संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद केसेस में भारी इजाफा हो रहा है। हालात इतने गंभीर हैं कि अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। दवाएं नहीं हैं, जहां हैं भी वहां लंबी लाइन लगानी पड़ रही है।
बीजिंग में श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोरोना केस दिनों नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं।
अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने सोशल मीडिया पर चीन के चौंकाने वाले वीडियोज शेयर किए हैं। इनमें अस्पतालों, श्मशानों और मेडिकल स्टोर्स के चिंताजनक हालात दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कोरोना पर बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि 90 दिन में चीन की 60% आबादी और दुनिया के 10% लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। करीब 10 लाख मौतों की आशंका है।
अमेरिकी साइंटिस्ट बोले- सरकार की सोच, जो मरता है मरने दो
एरिक फेगल-डिंग ने चीन की सरकार को ही इसका जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी CCP यानी सरकार पर आरोप लगाया कि उसका लक्ष्य ही यही है कि जिसे संक्रमित होना है, हो जाए, जिसकी मृत्यु हो रही है, उसे मरने ही दिया जाए। जल्दी संक्रमण, जल्दी मौतें, जल्दी पीक… यानी सबकुछ जल्दी ही ठीक होगा। अस्पतालों, श्मशानों के सर्वे से तो यही जाहिर होता है, क्योंकि मौतों की संख्या में विस्फोट साफ दिखाई दे रहा है।
दुनिया के 10 प्रतिशत से ज्यादा लोग अगले 90 दिनों में होंगे संक्रमित
सीडीसी चीन के निदेशक जियाओफेंग लियांग ने दावा किया है कि अगले 90 दिन के अंदर पूरी दुनिया में कोरोना का कहर देखने को मिलेगा। दुनिया के 10 प्रतिशत से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। महामारी विशेषज्ञ बेन काउलिंग भी इस दावे से सहमत हैं। काउलिंग हॉन्गकॉन्ग विश्वविद्यालय से हैं। वे कहते हैं, ‘दुर्भाग्य से कोरोना के मामलों में बहुत तेजी से उछाल आने वाला है। यह सबसे बुरी बात है। अगर संक्रमण फैलने की रफ्तार धीमी होती तो चीन के पास इससे निपटने के लिए तैयारी करने का समय होता। यह चीन के सभी शहरों में तेजी से फैल रहा है।’ काउलिंग के अनुसार, चीन में कोरोना की अब तक की सबसे तेज रफ्तार है।
अमेरिका से भी बुरी हो सकती है हालत
कोरोना की रफ्तार समझने के लिए विशेषज्ञों ने एक मैथमेटिकल मॉडल का सहारा लिया है। इसके अनुसार, अभी औसतन हर 100 में दो से तीन लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। ये आंकड़ा बढ़कर 16 से ज्यादा हो सकता है। अमेरिका में जब ओमिक्रॉन की लहर आई थी, तब हर 100 में 10 से 11 लोग संक्रमित हो रहे थे। मतलब अमेरिका से भी बुरी हालत अब चीन की हो सकती है। अगले तीन महीने के अंदर चीन में 80 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं।
वैक्सीन का क्या फायदा?
महामारी विशेषज्ञ बेन काउलिंग के अनुसार, चीन में 18 साल से अधिक आयु के लगभग 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को चीनी टीके के दो डोज लगाए जा चुके हैं, लेकिन यह संक्रमण से बचाने में सफल नहीं होगा। यह कोरोना के गंभीर बीमारी और मौत का रिस्क कम कर सकता है, लेकिन संक्रमण से नहीं बचा सकता है। अभी भी 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका नहीं लगाया गया है। ये सबसे ज्यादा हाई रिस्क जोन में हैं।