छत्तीसगढ़

श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम में शामिल यह खिलाड़ी बनना चाहता था बल्लेबाज, एक्शन बढ़िया होने से बना गेंदबाज

नई दिल्ली। श्रीलंका के विरुद्ध होने वाली टी-20 सीरीज के लिए उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज शिवम मावी को पहली बार टीम इंडिया में शामिल किया गया है। इस सीरीज में वह भारत के लिए पदार्पण कर सकते हैं। आईपीएल-2023 के लिए शिवम मावी को गुजरात टाइटंस ने 6 करोड़ रुपये में खरीदा है। वह इस नीलामी में भारत के तेज गेंदबाजों में सबसे महंगे बिके हैं।

आईपीएल में गुजरात की कप्तानी भी हार्दिक के हाथों में हैं, जबकि श्रीलंका के विरुद्ध होने वाली टी-20 सीरीज की कप्तानी भी हार्दिक ही करेंगे। ऐसे में मावी के पास उनके साथ अनुभव साझा करने का मौका होगा।

आईपीएल में नीलामी के सबसे महंगे तेज गेंदबाज बनना और फिर टीम इंडिया में चयन। आपको मेहनत का फल मिल रहा है?गुजरात टाइटंस में शामिल होकर और भारतीय टीम में चयनित होकर काफी अच्छा लग रहा है। एक-दो साल से अपनी गेंदबाजी में और ज्यादा काम कर रहा था। अपनी कमियों पर मैंने काम किया, फिटनेस पर अधिक ध्यान रखा, कौशल में भी मैंने विकास किया और बल्लेबाजी पर भी काम किया। सभी क्षेत्रों में मैंने काम किया और इसी का फल मिल रहा है।

यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था?

12 वर्ष की उम्र में मैंने नोएडा में क्रिकेट का अभ्यास करना शुरू किया। इसके बाद दिल्ली से अंडर-14 खेलने का मौका मिला। फिर मैं अंडर-19 खेलने के उत्तर प्रदेश चला गया। पहले साल में ही अंडर-19 टीम में मेरा चयन हो गया। पहले साल सब कुछ ठीक रहा, लेकिन इसके बाद मैं चोटिल हो गया। मेरे घुटने में चोट लगने के कारण मुझे एक साल तक कोई मौका नहीं मिला। इसके बाद मुझे एक मौका मिला जिसमें मैंने अच्छा प्रदर्शन दिखाया। कूच बिहार ट्राफी में मैंने छह मैच में 28 विकेट लिए। उस वक्त भारतीय अंडर-19 टीम में एक तेज गेंदबाज की जरूरत थी। मेरे प्रदर्शन के आधार पर मुझे कैंप में बुलाया गया।

वहां अच्छा किया तो मुझे भारतीय अंडर-19 टीम में चयनित कर लिया। इसके बाद भारतीय टीम के साथ मैंने कई दौरे किए, फिर अंडर-19 विश्व कप आ गया। विश्व कप के प्रदर्शन को देखते हुए आईपीएल-2018 में केकेआर ने मुझे खरीद लिया। इसके बाद मेरी पीठ में चोट लग गई। इसके बाद वापसी करने में मुझे 10-12 महीने लग गए। फिर मैंने अपनी फिटनेस पर काफी काम किया। घरेलू क्रिकेट खेलने से काफी अनुभव प्राप्त हुआ, इसका भी फायदा मिल रहा है।

क्या आप शुरू से तेज गेंदबाज ही बनना चाहते थे?

शुरू में मैं बल्लेबाजी करता था। तीसरे या चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरता था। जब सारे गेंदबाज गेंदबाजी कर लेते थे तो नेट में मैं भी गेंदबाजी करता था। मेरा एक्शन बढ़िया था। धीरे-धीरे समझ आया कि बल्लेबाजी से कहीं बेहतर मेरी गेंदबाजी है। फिर मैंने अपनी गेंदबाजी पर काम किया और तेज गेंदबाज बन गया। शुरू में क्रिकेट के बारे में उतनी जानकारी नहीं थी, फिर समझ आने के बाद मैंने ऑलराउंडर के रूप में खेलने का निर्णय किया।

भारतीय टीम में चयन के बाद प्रदर्शन का दबाव महसूस कर रहे होंगे?

भारत के लिए खेलना हर किसी का सपना होता है। अब वह पूरा हो गया है तो चुनौती यह है कि देश के लिए अधिक से अधिक समय तक खेलूं। प्रदर्शन हर जगह करना पड़ता है, लेकिन यहां पर खेलते रहने के लिए निरंतर बेहतर प्रदर्शन करना होगा। तभी आगे खेलता रह सकता हूं। मैंने अपने आउट स्विंग पर काम किया है। पहले मैं सिर्फ इनस्विंग डालता था, लेकिन इससे बल्लेबाजों को पता लग जाता था कि यह सिर्फ इनस्विंगर ही डालता है। अब जब मैंने आउटस्विंग सीखी है, बल्लेबाजों को मुझे पढ़ना उतना आसान नहीं होता। बल्लेबाजों को आउट करने के लिए सेटअप करना आसान होता है।

हार्दिक पांड्या की अगुआई में खेलने का मौका मिलेगा। गुजरात टाइटंस के भी वही कप्तान हैं?

ये काफी अच्छा रहेगा। मैं कोशिश करूंगा कि हम जल्दी आपस में एक संबंध बना सकें। हम एक-दूसरे को पहले से जानते हैं पर हमेशा हमने प्रतिद्वंद्वी की तरह ही खेला है, इसलिए अच्छी बांडिंग बनाने की कोशिश करूंगा। टीम के साथ भी संबंध स्थापित करने की कोशिश करूंगा। वह बेहतरीन बल्लेबाजी और गेंदबाजी करते हैं। मैं उनसे सीखने की कोशिश करूंगा। काफी चीजें उनके साथ रहकर सीखने को मिलेंगी।

माता-पिता काफी खुश होंगे?

शुरू में पढ़ाई के कारण मैं नोएडा शिफ्ट हुआ था। पढ़ाई के साथ ही मैं खेलता भी था। गली क्रिकेट में मेरे प्रदर्शन को देखकर पड़ोसियों ने पिताजी से कहा कि लड़का अच्छा खेलता है आप इसे को¨चग कराइए। उन्होंने फूलचंद सर की अकादमी में मुझे डाल दिया। वहां मैंने अनुरीत सिंह और परविंदर अवाना भैया से काफी कुछ सीखा है। चयन के बाद पिता जी का फोन आया था। वह काफी खुश थे। मैं उनसे वापस अभी बात करूंगा। ये उनके ही संघर्षों के कारण संभव हो पाया। दो साल पहले दुर्घटना में पिता गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। उनके पैर में राड डालनी पड़ी। मैंने उनको वीआरएस दिलवा दिया। मैंने कहा अब आप आराम करो, घर मैं संभालूंगा। अब वह घर पर मां के साथ ही रहते हैं।