छत्तीसगढ़

बांदा में दोहराया दिल्ली जैसा हादसा- स्कूटी सवार महिला को 3 किमी तक घसीट ले गया ट्राला, आग लगने से जिंदा जली

बांदा: दिल्ली में कार सवार नशेबाज पांच युवक स्कूटी सवार युवती को घसीटते हुए करीब 13 किमी ले गए थे, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। वैसी ही घटना बुधवार शाम यूपी के बांदा जिले में हुई। तेज रफ्तार गिट्टी लदा ट्राला स्कूटी सवार महिला को करीब साढ़े तीन किमी घसीटता चला गया। ट्राले में आग लगने के बाद चालक और खलासी नहीं रुके और लोगों को पीछा करते देख स्पीड बढ़ा दी और करीब साढ़े तीन किमी बाद लपटें तेज होने पर ट्राला रोक भाग निकले। 

घटना कृषि विश्वविद्यालय गेट के पास हुई और लपटें मवई बाइपास चौराहे से उठनी शुरू हुई थीं। कई थानों की फोर्स और दो दमकल गाड़ियां पहुंचीं, जिसके बाद करीब सवा घंटे बाद आग बुझाई जा सकी। लेकिन तब तक महिला जिंदा जल चुकी थी। एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि ट्राला के स्कूटी घसीटने से आग लगी और महिला की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, बांदा कृषि विश्वविद्यालय में 35 वर्षीय पुष्पा पत्नी स्व. रंजीत सिंह कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत थीं। वह बुधवार शाम स्कूटी से सब्जी लेने व पेट्रोल भरवाने के लिए निकली थीं। वह मृतक आश्रित कोटे में पति की जगह नौकरी पाई थीं। 

लखनऊ के गोमती नगर निवासी पुष्पा देवी छुट्टी के बाद स्कूटी से बाहर निकलीं। तभी गेट के सामने बाईपास पर कबरई की तरफ से गिट्टी लाद आ रहे तेज रफ्तार ट्राला की चपेट में आ गईं। लोगों ने शोर मचाया और पीछा किया तो चालक रोकने की जगह तेजी से भगाने लगा।

कानपुर की तरफ भागते हुए ट्राला में मवई बाइपास चौराहे के पास केबिन के नीचे से लपटें निकलने लगीं। स्कूटी की रगड़ से उठी लपटों में लिपिक भी फंसी रहीं। करीब साढ़े तीन किमी. तक घसीटने के बाद चालक और खलासी ट्राला खड़ा कर भाग निकले।

गनीमत रही पेट्रोल पंप नहीं आया चपेट में

जहां पर ट्राला रोका गया था, वहां से दूसरी तरफ पेट्रोल पंप है। आग की तेज लपटों के सामने लोग पास पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। इसी बीच एएसपी, सीओ सिटी अंबुजा त्रिवेदी, कोतवाल श्याम बाबू शुक्ला व आसपास के थानों पर चौकियों का फोर्स पहुंच गया। दो दमकल गाड़ियां आग बुझाने के लिए पहुंच गईं। गनीमत थी कि आग की लपटें पेट्रोल पंप को अपनी जद में नहीं ले पाईं। करीब सवा घंटे बाद आग बुझाई जा सकी।

विस्फोट के साथ फटे टायर, लोग भागे

आग से ट्राला का अगला हिस्सा पूरी तरह जल गया। उसके टायर विस्फोट के फटने लगे, यह देख लोगों में भगदड़ मच गई। लिपिक की जिंदा जलकर मौत हो गई।

पति की 2020 में हुई थी मौत

विश्वविद्यालय में तैनात रंजीत सिंह की कोरोना काल में 2020 में कैंसर व संक्रमण की जद में आने से मौत हो गई थी, उनकी जगह पुष्पा की नौकरी लगी थी। सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ. बीके गुप्ता, केवीके अध्यक्ष डॉ. श्याम सिंह, डॉ. दिनेश साह समेत सभी प्रोफेसर व छात्र पहुंच गए।

बवाल की आशंका से कई थानों का फोर्स रहा तैनात

विश्वविद्यालय से मामला जुड़ा होने के चलते बड़ी संख्या में छात्र व इलाकाई लोगों की भीड़ लग गई। किसी प्रकार का बवाल न हो, इसके मद्दनजर कई थानों का फोर्स बुला लिया गया। लोगों का आवागमन रोक दिया गया। सैकड़ों वाहनों की कतार रात तक लगी रही।

पीछे से किया था ओवरटेक, फंसी स्कूटी

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तेज रफ्तार चालक ने स्कूटी को ओवरटेक किया, तभी पुष्पा स्कूटी समेत उसमें फंस गई थीं। शोर मचाने पर चालक रुकने के बजाए भागने लगा।

कई बार ब्रेकर की कर चुके हैं मांग

विश्वविद्यालय के पीआरओ बीके गुप्ता ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कई बार ब्रेकर बनवाने की मांग की गई, पर जिला प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। गेट से छात्र और स्टाफ निकलकर सीधे बाईपास पर आते हैं। पुष्पा के छह वर्षीय व दो वर्षीय बच्चे लखनऊ में स्वजन के पास रहते हैं, जबकि वह कैंपस में बने आवास में रहती थीं।