नईदिल्ली I चीन में कोरोना से बिगड़े हालात पर भारत समेत दुनिया भर के देश बेहद चिंतित हैं. पड़ोसी देश होने की वजह से भारत में भी लोग काफी डर रहे हैं. हालांकि देश के वायरोलॉजिस्ट और विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में चीन जैसे हालात होने की संभावना कम है. यह देश पहले ही कीमत अदा कर चुका है. इसलिए अब चीन में कोरोना को प्रभावों को देखते हुए भारत सरकार ने देश भर में सभी आम लोगों को कोरोना के बूस्टर टीके लगाने के प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोरोना के नए वैरियंट से लोगों को बचाने के लिए नई कोवोवैक्स वैक्सीन (Covovax New Vaccine) तैयार की गई है. जिसे भारत में कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर टीके के तौर पर अगले 10 से 15 दिनों में मंजूरी मिल जाएगी.
भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने बताया टीका कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ बहुत अच्छी तरह से काम करता है. राज्यों और जिलों को कोविशील्ड वैक्सीन नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास आपूर्ति के लिए पर्याप्त स्टॉक है.
सबसे अच्छा बूस्टर है कोवोवैक्स
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा कि कोवोवैक्स को अगले 10-15 दिनों में बूस्टर के रूप में मंजूरी मिल जाएगी. यह वास्तव में सबसे अच्छा बूस्टर है क्योंकि यह कोविशील्ड की तुलना में अधिक ओमिक्रॉन के खिलाफ बहुत अच्छा काम करता है. यह सब हमारी केंद्र सरकार, हमारी राज्य सरकारों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, निर्माताओं के नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है. सभी ने एक लक्ष्य के लिए साथ मिलकर काम किया.
पूनावाला ने कहा कि हर कोई आज भारत की ओर देख रहा है. न केवल स्वास्थ्य सेवा के मामले में, बल्कि इसलिए कि भी क्योंकि विशाल और विविध आबादी की देखभाल करने में भारत कामयाब रहा है. साथ ही कोविड-19 महामारी के दौरान 70 से 80 देशों की मदद भी की है.
भारत जैसी कोई जगह नहीं
इस मौके पर पूनावाला को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों डॉ. पतंगराव कदम मेमोरियल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. यह कार्यक्रम पश्चिमी महाराष्ट्र के दिवंगत मंत्री और शिक्षा क्षेत्र के दिग्गज कदम की जयंती के मौके पर किया गया थाॉ. पूनावाला ने विदेश में शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले छात्रों से अपील करते हुए कहा कि भारती विद्यापीठ और इसके जैसे ही अन्य संस्थानों के कारण सपनों को पूरा करने के लिए भारत जैसी कोई जगह नहीं है. भले ही आपको विदेश जाना पड़े, लेकिन जितनी जल्दी हो सके वापस आ जाएं.
कोवोवैक्स के इस्तेमाल की मांगी मंजूरी
DCGI ने कोवोवैक्स को 28 दिसंबर, 2021 को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए और 12-17 आयु वर्ग के लोगों के लिए, कुछ शर्तों के अधीन, 9 मार्च को मंजूरी दी थी. इसे सात से वर्ष की आयु के बच्चों में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया था. जबकि भारतीय प्रशासन ने पिछले साल के अंत में टीकों के मिश्रण और मिलान की अनुमति दी थी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि यह कोवोवैक्स उपयोगकर्ताओं के लिए लागू होगा या नहीं. सीरम इंस्टीट्यूट ने 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के उन लोगों के लिए बूस्टर डोज के तौर पर वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है, जिन्हें कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक दी गई है.