नईदिल्ली I नेपाल विमान हादसे में जान गंवाने वाले चार भारतीयों के परिजन अब भी अपने परिवार के सदस्यों के शव लेने के लिए इंतजार कर रहे हैं. उन्हें ऐसा करते हुए शनिवार (21 जनवरी) को तीसरा दिन बीत गया.
नेपाली अधिकारियों ने मंगलवार (17 जनवरी) को परिजनों को शव सौंपना शुरू कर दिया था. रविवार (15 जनवरी) को नेपाल के पोखरा में येति एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार 72 लोगों की जानें चली गई थीं. विमान जब हादसाग्रस्त हुआ तब उसमें 53 नेपाली यात्री और 5 भारतीय, 15 विदेशी नागरिक और चालक दल के चार सदस्य सवार थे.
इन पांच भारतीयों की गई विमान हादसे में जान
कथित तौर पर हादसे में जान गंवाने वाले पांच भारतीयों की पहचान उत्तर प्रदेश के अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल के रूप में हुई थी.
संजय जायसवाल का शव शुक्रवार (20 जनवरी) को परिजनों को सौंप दिया गया था और घर वापस लाया गया. हालांकि, चार अन्य भारतीयों के शव तीन दिन से इंतजार कर रहे परिजनों को नहीं मिल पाए. परिजनों के शव लेने पहुंचे रिश्तेदारों में सोनू जायसवाल के पिता राजेंद्र प्रसाद शामिल थे जो त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल पहुंचे थे. एक रिश्तेदार ने बताया कि चारों शवों को एक बार में ले जाना चाहते हैं. रिपोर्ट में अस्पताल के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि विशाल शर्मा के शव की शिनाख्त शनिवार (21 जनवरी) को हुई.
49 का पोस्टमॉर्टम, शनिवार को परिजनों को सौंपे गए 15 शव
रिपोर्ट में बताया गया है कि अस्पताल ने 49 शवों का पोस्टमॉर्टम शुक्रवार को पूरा किया. 22 नेपाली नागरिकों के शव पोखरा में उनके परिवारों को सौंप दिए गए जबकि एक भारतीय नागरिक समेत कुल 12 शवों को शुक्रवार को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. शनिवार को अस्पताल के अधिकारियों ने 15 और शव उनके परिवारवालों को सौंपे.
शवों की शिनाख्त में जुटे एक डॉक्टर के मुताबिक, परिवार के सदस्यों ने शवों की पहचान के लिए जो चिन्ह बताए वो पर्याप्त नहीं थे. डॉक्टर ने कहा, ”हम रविवार (22 जनवरी) को शवों के उंगलियों के निशान को सत्यापित करने का प्रयास करेंगे.” वहीं, नेपाली सेना ने बताया कि उसने शेष एक शव को खोजने के लिए शनिवार को सेती नदी और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान जारी रखा.