नई दिल्ली। इंदौर के होल्कर क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन स्पिनर्स का बोलबाला रहा। इस मैच में निथन लियोन ने ने 8 विकेट चटकाए और भारतीय टीम को दूसरी पारी में 163 रन पर ढेर किया।
इसके साथ ही कंगारू टीम को तीसरा टेस्ट मैच जीतने के लिए सिर्फ 76 रन का आसान लक्ष्य मिला है। बता दें कि दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा के अलावा कोई बल्लेबाज ज्यादा देर तक क्रीज पर टिक नहीं सके। होलकर स्टेडियम की मुश्किल पिच पर पुजारा ने सबसे ज्यादा 59 रन बनाए।
बल्लेबाजों के खराब परफॅार्मेंस से निराश दिखे पुजारा
भारतीय टीम की खराब बल्लेबाजी पर चेतेश्वर पुजारा ने भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस पिच पर बैटिंग करना काफी मुश्किल है। एक बल्लेबाज के रूप में आपको अपने डिफेंस पर भरोसा रखना होगा। शॅार्ट गेंदों को आपको बैकफुट पर आकर खेलने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि 75 रन का लक्ष्य कुछ ज्यादा बड़ा नहीं है। हालांकि, अभी भी एक मौका है।
पुजारा ने अपने बैटिंग स्किल में किया बदलाव
पुजारा ने पिच को लेकर कहा, ‘एक बल्लेबाज के रूप में आपको अटैक और डिफेंस दोनों गेम खेलने की जरूरत है। आप अगर लगातार डिफेंस करते रहेंगे, तो कोई न कोई बॅाल आपके दस्ताने पर लग ही जाएगा।’ पुजारा ने आगे बताया कि बेटिंग के वक्त मेरी कोशिश थी कि मैं पोजिटिव रहकर ज्यादा से ज्यादा रन बना सकूं।’
उन्होंने इस बात का भी अफसोस जताया कि कोई किसी बल्लेबाजों को बीच बड़ी साझेदारी नहीं बन सकी। उन्होंने कहा कि अगर अक्षर पटेल कुछ देर और क्रीज पर टिके रहते तो मैं और भी रन बना सकता था।
पुजारा के अलावा किसी बल्लबेाज का नहीं चला बल्ला
बता दें कि इस पारी में भारतीय टीम की ओर से पुजारा ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी थे, जो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने टिके रहे। जवाब पुजारा से यह सवाल पूछा गया कि वो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे कैसे टिके रहे, तो उन्होंने कहा कि वो लगातार अपनी तकनीक को बदलते रहे। उन्होंने आगे कहा, मैं लगातार नए-नए तकनीक सीख रहा हूं। उन्होंने कहा कि लगातार डॅाट बॅाल खेलने की जगह मैं रन बनाने की कोशिश कर रहा था।