बलरामपुर : छत्तीसगढ़ और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय रहे तीन महिला नक्सली सहित सात ने शनिवार को बलरामपुर एसपी मोहित गर्ग के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। बलरामपुर पुलिस ने इसे बड़ी सफलता बताया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कोई भी हार्डकोर नक्सली नहीं हैं। हालांकि कुछ मामलों में उन्होंने शामिल होना स्वीकार किया है।
बलरामपुर एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया गया। नक्सली दस्तों में शामिल आरोपियों के धरपकड़ के लिए दबाव बनाए जाने के बाद तीन महिला और चार पुरूष सदस्यों ने बलरामपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। इनमें एक महिला नक्सली झारखंड की निवासी है। बाकी छह बलरामपुर के सामरी क्षेत्र के हैं।
इनमें नन्दू कोरवा पिता मुनेश्वर कोरवा 28 वर्ष, गुड़वा कोरवा पिता राजेश कोरवा 30 वर्ष, सनी बृजिया पिता बलराम बृजिया 18 वर्ष, लक्ष्मण नगेशिया पिता रामनाथ नगेशिया 35 वर्ष, आशा उर्फ फुलवंती पिता गोदाम कोरवा 21 वर्ष, अमरिता उर्फ सरस्वती पति नेशनल गांझू 20 वर्ष सभी सामरीपाठ थाना अंतर्गत रहने वाले तथा कुमारी कांती पिता कोके कोरवा 20 वर्ष निवासी ग्राम सेमराखांड़, थाना महुडांड़ जिला लातेहार झारखंड शामिल है।
एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि सभी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने इनामी जानेल कमांडर विमल के दस्ते में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 में कुछ माह से लेकर एक वर्ष तक सक्रिय रहे। इस दौरान उन्होंने संतरी ड्यूटी की एवं बम लगाने एवं आगजनी की घटनाओं में शामिल होना स्वीकार किया है। वे स्वयं ही दस्ते से भाग निकले थे।
अपने साथ ले गए थे नक्सली
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सदस्यों ने बताया कि उन्हें जोनल कमांडर विमल द्वारा अपने साथ ले जाकर दस्ते में शामिल किया गया था। वहां खाना बनाने, सामान ढोने के साथ संतरी ड्यूटी दी जाती थी। संतरी ड्यूटी के दौरान उन्हें बंदूकें दी जाती थी। कुछ समय तक नक्सलियों के साथ रहने के बाद वे मौका पाकर भाग निकले थे।