कांकेर। कांकेर जिले में अपने मोबाइल फोन के लिए 21 लाख लीटर पानी बहा देने वाले निलंबित फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब विदेशी पिस्टल के साथ उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि पिस्टल लाइसेंसी है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।
अपनी पुरानी फेसबुक पोस्ट में राजेश विश्वास जर्मन मेड पिस्तौल अपने पैंट की जेब में रखे नजर आ रहे हैं। ये फोटो 10 फरवरी 2022 को फेसबुक पर पोस्ट की गई थी। उन्होंने फोटो के कैप्शन में लिखा था- मेरी आलोचना करने वालों से वादा है मेरा, उन्हें मेरी तारीफ करने का मौका अवश्य दूंगा। इसके अलावा गाड़ियां, मोबाइल, सोने की चेन जैसे उनके महंगे शौक भी चर्चा में हैं।
फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास के कमर में पिस्टल फंसाकर फोटोशूट करवाने को लेकर ये सवाल भी उठ रहा है कि आखिर यह पिस्टल किसकी है और अगर राजेश विश्वास का है, तो क्या इसका लाइसेंस है। इससे भी बड़ा सवाल ये है कि अफसर साहब को पिस्टल की जरूरत आखिर क्यों पड़ गई, इसका भी जवाब अभी मिलना बाकी है।
एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था
फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास तब चर्चा में आ गए, जब पिकनिक मनाने के दौरान उनका एक लाख का मोबाइल परलकोट डैम में गिर गया था। अफसर ने अपना मोबाइल ढूंढने के लिए पंप लगाकर 21 लाख लीटर पानी बहा दिया। पूरा मामला सामने आने के बाद उन्हें कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने सस्पेंड कर दिया है। जल संसाधन विभाग के एसडीओ को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
35 से 40 हजार सैलरी में इतने महंगे शौक
इधर, अब निलंबित अधिकारी की महंगी लाइफ स्टाइल सुर्खियां बटोर रही हैं। 16 लाख की थार कार, गले में मोटी चेन, कमर में पिस्टल रखे उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग ये सवाल भी उठा रहे हैं कि 35 से 40 हजार की नौकरी में इतने महंगे शौक आखिर साहब कैसे पूरे कर ले रहे हैं।
पहले भी हो चुके हैं सस्पेंड
निलंबित फूड इंस्पेक्टर इससे पहले भी राशन कार्ड में हेराफेरी के मामले में निलंबन झेल चुके हैं। अंतागढ़ में रहते हुए सीसीटीवी कैमरे लगवाने के नाम पर भी राशन दुकानदारों से अधिक पैसे हड़पने का आरोप उन पर लग चुका है।
सेल्फी लेते वक्त गिरा था फोन
मामला 21 मई का है। फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास दोस्तों के साथ परलकोट बांध गए थे। पार्टी करने के दौरान सेल्फी लेते हुए उनका एक लाख रुपए का मोबाइल पानी में जा गिरा। अगले दिन सुबह आसपास के ग्रामीणों और गोताखोर से मोबाइल की खोज कराई गई, जब नहीं खोज पाए तो 4 दिनों तक पंप के जरिए डैम का पानी बहाया गया। इससे डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी। इस पूरी मशक्कत के बाद राजेश को मोबाइल मिल गया।
अफसर ने कहा था-धोखे में रखकर पानी बहाया
शिकायत के बाद सिंचाई अफसर मौके पर पहुंचे और पानी निकालना बंद करवाया, लेकिन तब तक 6 फीट पानी निकल चुका था। यह तकरीबन 21 लाख लीटर होता है। सिंचाई विभाग के एसडीओ आरसी धीवर का कहना है कि उन्हें धोखे में रखकर इतना पानी बहाया गया। उधर, फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास दलील दी कि फोन में विभागीय जानकारी थी, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा। अब फोन बंद हो गया है।
डॉ रमन सिंह ने साधा था निशाना
इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने निशाना साधते हुए कहा था कि भूपेश बघेल सरकार में अधिकारी राज्य को अपनी जागीर समझ बैठे हैं। आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है, वहीं अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लाखों लीटर पानी बहा रहे हैं, जितने पानी में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया पलटवार
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ रमन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने पद का दुरुपयोग करने का अधिकार नवा छत्तीसगढ़ में किसी को नहीं है। जिस अधिकारी ने ये काम किया है, उसे निलंबित किया जा चुका है। वो दौर बीत गया, जब लोग सत्ता में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाते थे और अपने बेटे का खाता ‘पनामा’ में खुलवाते थे।