छत्तीसगढ़

लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की तैयारी, देशभर में EVM और पेपरट्रेल मशीनों की जांच शुरू की

नईदिल्ली : आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनाव आयोग तैयारियों में जुट गया है. किसी भी चुनाव से पहले चुनाव आयोग हर स्तर की तैयारी करता है.

सूत्रों ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग तैयारी कर रहा है. इसके लिए चुनाव आयोग ने चरणबद्ध तरीके से देश भर में ईवीएम और पेपरट्रेल मशीनों की पहले स्तर की जांच शुरू कर दी है. आयोग ने कहा कि पहले स्तर की जांच (FLC) प्रक्रिया का हिस्सा है.

चुनाव आयोग ने बताया कि यह प्रक्रिया चुनाव से पहले की जाना वाली एक राष्ट्रीय स्तर का अभ्यास है. चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि एफएलसी पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से होगा, जिसमें केरल की सभी विधानसभा/लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं. अधिकारी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे मॉक पोल पर भी जवाब दिया. वायनाड लोकसभा सीट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अयोग्य ठहराए के बाद खाली हुई है.  

‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी

दरअसल, ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल के अयोग्य घोषिक किये जाने के कुछ महीनों बाद, चुनाव आयोग ने वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

संसदीय सीटें उपचुनाव होने हैं 
चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा कि इस तरह के अभ्यास के लिए एक कैलेंडर जारी करता है और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इसका पालन करने के निर्देश होते हैं. अधिकारी ने बताया कि एफएलसी राजस्थान, मिजोरम, पांच मतदान वाले राज्यों में भी होंगे. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के साथ-साथ विधानसभा और संसदीय सीटों पर उपचुनाव होने हैं.

ईवीएम में कमियों को दूर करेंगे

बता दें कि वायनाड, पुणे और चंद्रपुर (महाराष्ट्र), गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) और अंबाला (हरियाणा) की लोकसभा सीटें खाली हो चुकी हैं. दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगाने की राहुल गांधी की याचिका गुजरात हाई कोर्ट में लंबित है. एफएलसी के दौरान बीईएल और ईसीआईएल के इंजीनियर ईवीएम में कमियों को दूर करेंगे.

इसके अलावा ईवीएम मशीनों और पेपरट्रेल मशीनों की जांच की जाती है. खराब हो चुकी मशीनों को ठीक किया जाता है या फिर मशीनों को ठीक करने के लिए निर्माताओं के पास वापस भेजा जाता है. साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मशीनों जांच के लिए एक मॉक पोल भी आयोजित किया जाता है.