छत्तीसगढ़

मारे गए शूटर जीवा की पत्नी पायल को SC ने नहीं दी राहत, गर्मी की छुट्टियों के बाद होगी अग्रिम जमानत पर सुनवाई

नई दिल्ली। माफिया मुख्तार अंसारी के मारे गए शूटर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की पत्नी को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने जीवा का अंतिम संस्कार गुरुवार को हो जाने की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी गई जानकारी के बाद जीवा की पत्नी पायल की याचिका पर तत्काल सुनवाई कर कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया।

कोर्ट में पेशी के दौरान हुई थी जीवा की हत्या

कोर्ट ने मामले को गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। जीवा की कोर्ट में पेशी के दौरान बुधवार को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पायल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गैंगस्टर एक्ट में अग्रिम जमानत मांगी है। साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए उस पर चल रहा मामला रद करने की मांग की है।

जीवा का अंतिम संस्कार गुरुवार को हो गया: एडीशनल एडवोकेट

गुरुवार को पायल की ओर से जीवा के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण दिए जाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई मांगी गई थी, जिस पर कोर्ट ने मामला शुक्रवार को सुनवाई पर लगाया था।

शुक्रवार को जब मामला जस्टिस अनिरुद्ध बोस व राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ के सामने सुनवाई पर आया तो उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडीशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि जीवा का अंतिम संस्कार गुरुवार को हो गया है और अंतिम संस्कार उसके बेटे ने किया।

पीठ ने पायल की मांग नहीं मानी

गरिमा प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि पुलिस द्वारा किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई न करने का भरोसा दिए जाने के बावजूद जीवा की पत्नी ने अंतिम संस्कार में हिस्सा नहीं लिया।

तभी पायल के वकील ने कोर्ट से कहा कि उसने अंतिम संस्कार ही नहीं तेरहवीं व श्राद्ध तक पायल को गिरफ्तारी से संरक्षण दिए जाने की मांग की है। लेकिन पीठ ने मांग नहीं मानी और कहा कि आप अब अपनी मांग नहीं बदल सकते।