नई दिल्ली। 14 जून 1996 के दिन भारत की दो बार की वर्ल्ड चैंपियन निखत जरीन का दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य में जन्म हुआ था। मुस्लिम परिवार में जन्मी निखत के परिवार में माता-पिता और तीन बहनें हैं। निखत बचपन से ही खेल-कूद में काफी तेज थी।
कैसे जगी बॉक्सर बनने की चाह-
निखत ने एक इंटरवयू में अपने बचपन का किस्सा शेयर करते हुए कहा कि एक बार वह अपने पिता के साथ स्टेडियम में गई थी और वहां बॉक्सिंग के अलावा हर खेल में लड़कियां शामिल थीं। इस दौरान उन्होंने अपने पिता से पूछा कि बॉक्सिंग में लड़कियां क्यों नहीं हैं? बॉक्सिंग बस लड़के ही करते हैं क्या? क्या बॉक्सिंग केवल लड़कों का खेल है?
पिता ने निखत के सवाल का जवाब देते हुए कहा नहीं बॉक्सिंग केवल लड़कों का खेल नहीं है, लेकिन लड़कियां बॉक्सिंग नहीं करती क्योंकि लोग लड़कियों से घर पर रहकर घर का काम करने की उम्मीद करते हैं। इस दौरान निखत ने बॉक्सिंग में झंडा गाड़ने की ठान ली। निखत ने कभी भी लड़कियों को लड़कों से कम नहीं समझा है।
मां बॉक्सिंग से नहीं थी खुश-
हालांकि निखत कई इंटरव्यू में बताती हैं कि उनकी मां कभी भी बॉक्सिंग करने के फैसले से बहुत खुश नहीं थीं। वह हमेशा इस बात को लेकर चिंतित थी कि निखत से शादी कौन करेगा। निखत के पिता ने शुरुआत बॉक्सिंग करियर में बहुत समर्थन दिया। एक साल तक पिता के साथ प्रैक्टिस करने के बाद निखत ने 2009 में भारतीय खेल प्राधिकरण में द्रोणाचार्य अवार्डी आईवी राव से ट्रेनिंग और ली।
इसके बाद निखत ने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा और एक के बाद एक मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया। निखत ने सब-जूनियर नेशनल खिताब जीता और 2011 में महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता I 2014 में यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक और सिल्वर मेडल जीता। 2014 में नेशनल कप अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता I 2015 में सीनियर महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता I 2019 एशिया चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता I 2022 में निखत ने अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की और महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। इसी साल कॉमनवेल्थ गेम्स में निखत ने गोल्ड मेडल जीता 2023 में निखत महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दूसरी बार गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हुई।
मैरी कॉम से निखत का मुकाबला-
निखत मैरी कॉम के बाद दो बार महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला हैं। इससे पहले एमसी मैरी कॉम छह बार (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018) में यह कारनामा कर चुकी हैं। हालांकि भारत के अधिकतर युवा बॉक्सर्स के लिए मैरी कॉम हीरो है, लेकिन निखत ने मैरी कॉम को हमेशा एक कॉम्पीटीटर के रूप में देखा। क्योंकि एक 51 किलो वर्ग में खेलती हैं।