इंफाल : मणिपुर में नए साल के दिन शाम होते-होते हिंसा की घटना सामने आ गई. सोमवार (1 जनवरी) को थौबल जिले में तीन लोगों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई और पांच अन्य घायल हो गए, जिसके बाद राज्य के पांच घाटी जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि हमलावर बंदूकधारियों की अभी पहचान नहीं हो सकी है. बंदूकधारी छद्मवेश में लिलोंग चिंगजाओ क्षेत्र में पहुंचे और स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर गोलीबारी की. तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मणिपुर के इन पांच जिलों में फिर ले लगा कर्फ्यू
हमले के बाद गुस्साए भीड़ ने तीन चारपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया. यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि कारें किसकी थीं. अधिकारियों ने बताया कि ताजा हिंसा के बाद थौबल, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया.
क्या बोले सीएम एन बीरेन सिंह?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक वीडियो संदेश के जरिए हिंसा की निंदा की और लोगों, खासकर लिलोंग के निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और कानून के अनुसार सजा दी जाएगी.
3 मई से अब तक मारे गए 180 से ज्यादा लोग
3 मई 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और कई सौ घायल हुए हैं. 3 मई को हिंसा उस समय भकड़ गई थी जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था.
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. आदिवासी- नगा और कुकी 40 प्रतिशत से कुछ ज्यादा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं.