नईदिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने मनरेगा के भुगतान के लिए आधार-बेस्ड पेमेंट सिस्टम (ABPS) को अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार (1 जनवरी) को इसे देश के सबसे गरीब परिवारों को नए साल का क्रूर तोहफा करार दिया.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा, “नए साल में प्रधानमंत्री ने देश के सबसे गरीब परिवारों को क्रूर तोहफा दिया है. उन्होंने मनरेगा के तहत काम करके बुनियादी आय प्राप्त करने वाले करोड़ों गरीबों से उनका अधिकार छीन लिया है. कांग्रेस उनके इस तोहफों की निंदा करती है.”
जयराम रमेश ने आगे कहा, “कांग्रेस अपनी 30 अगस्त 2023 की अपनी उस मांग को दोहराती है, जिसमें कहा गया है कि मोदी सरकार को सबसे कमजोर भारतीयों को उनके सामाजिक कल्याण के लाभों से वंचित करने के लिए टेक्नोलॉजी, विशेष रूप से आधार को हथियार बनाना बंद करना चाहिए.”
सोशल ऑडिट करना चाहिए लागू
उन्होंने कहा कि सरकार को लंबित वेतन को जारी करना चाहिए और पारदर्शिता में सुधार के लिए ओपन मस्टर रोल और सोशल ऑडिट लागू करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के बयान की एक कॉपी भी शेयर की.
देश में 25.69 करोड़ मनरेगा मजदूर
इसमें कहा गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) में आधार-बेस्ड पेमेंट सिस्टम (ABPS) से भुगतान को अनिवार्य करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) के निर्धारित समय सीमा का पांचवां एक्सटेंशन 31 दिसंबर 2023 को समाप्त हो गया. देश में कुल मिलाकर 25.69 करोड़ मनरेगा श्रमिक हैं. इनमें से 14.33 करोड़ श्रमिक एक्टिव माने जाते हैं.
इसमें कहा गया है कि 27 दिसंबर तक, कुल रजिस्टर मजदूरों में से 8.9 करोड़ और 1.8 करोड़ एक्टिव मजदूरों को अभी भी ABPS के माध्यम से पेमेंट नहीं मिला है. बयान के मुताबिक मजदूरों, प्रैक्टिशनर्स और शोधकर्ताओं ने मनरेगा में मजदूरी के पेमेंट के लिए ABPS के उपयोग से आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया था, लेकिन इसके बावजूद, मोदी सरकार ने अपना टेक्नोलॉजी के साथ विनाशकारी प्रयोग जारी रखा है.