नईदिल्ली : राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश में है. इस दौरान राहुल गांधी ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी पहुंचकर यहां छात्राओं से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं से शिक्षा, हक और अभिव्यक्ति जैसे मुद्दों पर छात्राओं से बातचीत की.
इस दौरान जब एक छात्रा ने राहुल गांधी से पूछा कि अगर वह भविष्य में देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो ऐसे में महिलाओं के हिजाब पहनने को लेकर उनकी क्या राय है? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरा मानना है कि महिलाएं जो भी पहनना चाहती हैं, वो पहनने का उनका पूरा अधिकार है. ये पूरी तरह से महिलाओं पर निर्भर करता है कि वे क्या पहनना चाहती हैं.
राहुल ने कहा कि मेरी राय है कि महिलाएं क्या पहनती हैं, ये उनकी जिम्मेदारी है. उन्हें क्या पहनना है या क्या नहीं पहनना है, ये उनका फैसला है. मुझे नहीं लगता कि किसी और को ये तय करना चाहिए कि आप क्या पहनेंगे.
राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर क्या बोले राहुल?
इस दौरान राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति और बिजनेस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व पूरी तरह से नहीं दिखता है. इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को सोचना होगा कि वे ज्यादा से ज्यादा महिला उम्मीदवारों क मौका दें. पार्टियां महिलाओं को प्रोत्साहित करें. हमारे देश के पॉलिटिकल स्ट्रक्चर से महिलाओं को जोड़ना होगा.
राहुल गांधी ने कहा कि हमने देखा है कि स्थानीय स्तर पर महिलाओं की फिर भी राजनीति में मौजूदगी दिखती है, वे प्रधान या पार्षद के स्तर तक पहुंच जाती हैं लेकिन इससे ऊपर जब विधायक या सांसदी की बात आती हैं, तो महिलाएं बहुत कम नजर आती हैं. ऐसे में महिलाओं को प्रोत्साहित करना होगा.
बीजेपी कानूनों का गलत इस्तेमाल कर रही
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में एक छात्रा ने असम में एनआरसी को लेकर भी राहुल गांधी से सवाल किया. इस पर राहुल ने कहा कि बीजेपी देश में कानूनों को हथियार बनाकर उनका इस्तेमाल कर रही हैं. वो भेदभाव की राजनीति कर रही हैं और इससे किसी का भला नहीं होना.