नईदिल्ली : भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के 4 मैच पूरे हो चुके हैं और टीम इंडिया ने इतने में ही सीरीज 3-1 से अपने नाम कर ली है. अब आखिरी मैच 7 मार्च से धर्मशाला में खेला जाना है और इससे पहले दोनों टीमों को लंबा ब्रेक मिला है. जहां ज्यादातर खिलाड़ी इस दौरान आराम कर खुद को तरोताजा करने में लगे हैं, वहीं टीम इंडिया के युवा स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल अपने घर मोहाली लौट गए और पिता की निगरानी में बैटिंग प्रैक्टिस करने लगे. गिल ने ही पिछले मैच में टीम इंडिया को जीत तक पहुंचाया था और सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं. इसके बावजूद अगर वो ब्रेक में भी प्रैक्टिस कर रहे हैं तो इसकी वजह उनका जुझारूपन और यशस्वी जायसवाल से पैदा हुआ खतरा भी है.
पिछले करीब 7-8 महीनों में बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के सितारे बुलंद हुए हैं. उन्होंने न सिर्फ टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई, बल्कि गिने-चुने मैचों में ही धमाकेदार अंदाज में बैटिंग से तहलका मचा दिया. सिर्फ 8 टेस्ट मैचों के अपने करियर में यशस्वी ने 3 शतक जड़ दिए हैं, जिसमें से लगातार 2 दोहरे शतक इंग्लैंड के खिलाफ आए हैं. ऐसे में हर किसी की जुबान पर यशस्वी का ही नाम है और उन्हें ही भविष्य की टीम इंडिया का सबसे बड़ा स्टार बताया जाने लगा है.
कम होने लगा रुतबा, बाहर करने की मांग
ये वो दावा है, जो कुछ वक्त पहले तक शुभमन गिल के लिए किया जाता था. आज भी उन्हें भविष्य का सितारा माना जाता है लेकिन पिछले कुछ वक्त में खुद के प्रदर्शन और यशस्वी के बढ़ते कद के कारण शुभमन गिल का रुतबा फीका पड़ता जा रहा है. खास तौर पर टेस्ट क्रिकेट में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन न होने के कारण शुभमन गिल पर सवाल भी उठने लगे थे. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज की शुरुआत जिस अंदाज में हुई, वो तो उनके लिए खतरे की सबसे बड़ी घंटी बना, क्योंकि लगातार 3 पारियों में नाकामी के बाद उन्हें ड्रॉप करने की मांग होने लगी थी.
दूसरी ओर यशस्वी जायसवाल ने पहले टेस्ट में 80 रनों की दमदार पारी खेली थी, जबकि दूसरे टेस्ट में दोहरा शतक लगा चुके थे. ऐसे में गिल की सीधी तुलना जायसवाल से हो रही थी और पंजाब के बल्लेबाज का पलड़ा हल्का पड़ने लगा था. गिल भी शायद इस खतरे को भांप चुके थे और इसलिए विशाखापट्टनम टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने खुद को पूरी तरह झोंक दिया और एक बेहतरीन शतक के साथ वापसी की. इसके बाद से ही गिल लगातार रन बना रहे हैं, कम से कम दूसरी पारी में.
बदल गए तेवर, फिर दिखा असर
पिछले तीनों टेस्ट में टीम इंडिया की जीत में शुभमन गिल का बड़ा योगदान रहा है क्योंकि इन तीनों मैचों की दूसरी पारी में इस बल्लेबाज ने बड़े स्कोर खड़े किए. विशाखापट्टनम में 34 और 104, राजकोट में 0 और 91 और रांची में गिल के बल्ले से 38 और 52 (नाबाद) रनों की पारियां निकली हैं. यानी तीनों मैचों में जब टीम को दूसरी पारी में दमदार बैटिंग की जरूरत थी, गिल ने अपना काम किया.
सिर्फ इतना ही नहीं, अभी तक अपने शतक-अर्धशतक में आक्रामक सेलिब्रेशन करने वाले गिल इस मामले में भी थोड़ा शांत हुए हैं और अब इसी शांति के साथ बैटिंग पर पूरे फोकस के साथ गिल टीम इंडिया में ‘प्रिंस का अपना टैग फिर से हासिल करने में जुट गए हैं. बदले हुए तेवरों का ही नतीजा है कि इस टेस्ट सीरीज में यशस्वी जायसवाल (655) के बाद शुभमन गिल (342) ही सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं.