छत्तीसगढ़

कोविड-19 वैक्सीन के कारण बढ़ गया है हार्ट अटैक का खतरा? स्वास्थ्य मंत्री ने दी स्पष्ट जानकारी

नईदिल्ली : कोविड-19 का खतरा पिछले चार साल से अधिक समय से देखा जा रहा है। कोरोनावायरस से संक्रमण की स्थिति में न सिर्फ गंभीर रोगों के विकसित होने का खतरा देखा जाता रहा है साथ ही संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में लॉन्ग कोविड के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं भी बड़ी चिंता का कारण रही हैं।

महामारी के बाद के कई अध्ययनों में कहा जाता रहा है कि कोविड-19 का शिकार रहे लोगों में हृदय रोगों और इसके गंभीर रूप लेने का खतरा हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स में कोविड वैक्सीन्स को भी हृदय रोगों को बढ़ाने वाला बताया गया था, जिसपर आईसीएमआर ने आज स्पष्ट जानकारी साझा की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उन सभी रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज किया है जिनमें वैक्सीनेशन के कारण हृदय रोगों के खतरे को लेकर आशंका जताई जाती रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने विस्तृत अध्ययन किया है जिससे पता चलता है कि कोविड-19 वैक्सीन से हार्ट अटैक का कोई संबंध नहीं है। वैक्सीन न तो हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाती है न ही ये  दिल के दौरे का कारण बनती है। इस तरह की बातों पर विश्वास न करें।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री?

एक कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, दुनियाभर में हार्ट अटैक के बढ़े मामले चिंताजनक हैं। डॉक्टर्स कहते हैं, व्यक्ति की गड़बड़ जीवनशैली और शराब-धूम्रपान जैसी आदतें इस खतरे का कारक हो सकती हैं। वैक्सीन से हार्ट अटैक का जोखिम होता है, इसके कोई प्रमाण नहीं हैं।

एक प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 टीकों के बारे में गलत धारणाएं पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर आज किसी को स्ट्रोक होता है, तो कुछ लोग सोचते हैं कि यह कोविड-19 वैक्सीन के कारण है। आईसीएमआर ने इस पर एक विस्तृत अध्ययन किया है, जिसमें पाया गया है कि वैक्सीन का किसी भी प्रकार से हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर नहीं देखा गया है।

हार्ट अटैक के कारण

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, दिल का दौरा पड़ने के कई कारण होते हैं जिसमें खराब जीवनशैली, तंबाकू और अधिक शराब का अधिक सेवन प्रमुख रहा है। कई बार लोगों के बीच गलत जानकारी चली जाती है और कुछ समय के लिए एक धारणा बन जाती है, हालांकि उसके वैज्ञानिक प्रमाणों और साक्ष्यों को जानना जरूरी है। 

पिछले साल नवंबर में सामने आए पीर-रिव्यूड आईसीएमआर अध्ययन में पाया गया है कि वैक्सीनेशन करा चुके लोगों में हार्ट अटैक का खतरा नहीं बढ़ा है। जो लोग हार्ट अटैक के शिकार रहे उनमें संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने, परिवार में पहले से किसी की सडेन डेथ की हिस्ट्री रही है।

अध्ययन में क्या पता चला?

देश के 47 से अधिक अस्पतालों में वैक्सीन के प्रभावों को जानने के लिए अध्ययन किया गया। इसमें बिना किसी कोमोरबिडिटी वाले 18-45 वर्ष की आयु के स्वस्थ व्यक्तियों के डेटा का अध्ययन किया गया जिनकी अक्टूबर 2021-मार्च 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई। ज्यादातर लोगों में अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान, नशीली दवाओं का उपयोग, शराब या अत्यधिक धूम्रपान की दात और मृत्यु से दो दिन पहले अत्यधिक तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि को प्रमुख कारण पाया गया। अक्सर शराब पीने वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक देखा गया है।

कोरोना के बाद बढ़े हार्ट अटैक के केस

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बाद से भारत सहित दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में आशंका जताई जा रही थी कि कोविड-19 वैक्सीन के कारण इस तरह का जोखिम हो सकता है, जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट जानकारी दी है। उन्होंने कहा, पीएम मोदी भी 60 वर्ष की आयु की श्रेणी में आते हैं और वैक्सीन की तीन खुराक ले चुके हैं।कोविड के टीके सुरक्षित हैं और संक्रमण की स्थिति में गंभीर रोगों के खतरे से बचाने में सहायक हो सकते हैं।