छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : रिशु के स्वजन को सौंपी गई अस्थियां, आरोपियों के घर तोड़ने से पहले नहीं करेंगे अंतिम संस्कार

अंबिकापुर। प्रतापपुर के होटल व्यवसायी अशोक कश्यप के पुत्र रिशु कश्यप अपहरण व हत्या मामले में आरोपितों का घर तोड़ने की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है। पुलिस की ओर से मृतक की अस्थियां स्वजन को सौंपी गई है। स्वजन ने तब तक अंतिम संस्कार नहीं करने की घोषणा कर दी है जब तक आरोपितों का घर नहीं टूट जाता। इधर आरोपितों के विरुद्ध अतिक्रमण का प्रकरण राजस्व न्यायालय में पंजीबद्ध किया गया है। इस पर सुनवाई भी की जा रही है।

प्रतापपुर के मासूम रिशु कश्यप के अपहरण व हत्या के आरोपितों के विरुद्ध पुख्ता सबूत न्यायालय में प्रस्तुत करने पुलिस भी बारीकी से कार्य कर रहे है। रिशु की पहचान को विज्ञानी तकनीक से प्रमाणित करने के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। अंबिकापुर के विधि विज्ञान विशेषज्ञ कुलदीप कुजुर ने रिशु के माता-पिता का ब्लड सैंपल लिया है।

मासूम रिशु कश्यप के शव को आरोपितों द्वारा पेट्रोल छिड़क जला दिए जाने के कारण उसकी कुछ अस्थियां ही पुलिस को मिली थी। रिशु के स्वजन को पुलिस की ओर से कुछ अस्थियां सौंपी गईं, ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें। पूरा परिवार घटना के बाद से सदमे में है।मालूम हो कि रिशु कश्यप का 29 जनवरी 2024 की शाम अपहरण कर लिया गया था। उसी दिन करसी के जंगल में ले जाकर हत्या कर शव को जला दिया था। फिर पिता को कॉल कर छह लाख रुपए फिरौती मांगी थी।

मामले में मृतक के पड़ोस में रहने वाले शुभम सोनी (26) और विशाल ताम्रकार (28) को अपहरण,हत्या और साक्ष्य छिपाने के अलावा विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है। पुलिस ने उनके बताए अनुसार करसी जंगल से रिशु कश्यप के शव के अवशेष बरामद किया था। घटना के बाद आक्रोशित लोग आरोपियों के घरों को तोड़ने की मांग कर रहे है। सुरक्षा के मद्देनजर आरोपितों के घर के पास अभी भी पुलिस का पहरा है। रास्ते मे दो ओर से बैरिकेडिंग की गई है।घटना के बाद नगर पंचायत ने आरोपितों के घरों का कब्जा हटाने का प्रस्ताव पारित किया था। घटना के बाद प्रतापपुर तहसीलदार ने बीते आरोपितो के साथअन्य कब्जाधारियों को नोटिस दिया है।