नईदिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद अब चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी कर रहा है। खास बात ये है कि चंद्रयान-4 मिशन दो चरणों में लॉन्च किया जाएगा और चांद पर मानव मिशन भेजने के लिहाज से यह बेहद अहम होगा। चंद्रयान-4 मिशन न सिर्फ चांद की जमीन पर लैंड करेगा, बल्कि वहां से कुछ सैंपल लेकर धरती पर वापस भी लौटेगा।
चांद से सैंपल लेकर आएगा चंद्रयान 4
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि चंद्रयान-4 मिशन में पांच स्पेसक्राफ्ट मॉड्यूल शामिल किए जाएंगे। साथ ही इसे दो रॉकेट की मदद से दो चरणों में लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान-4 में चंद्रयान-3 मिशन की तरह लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल तो होंगे ही, इनके साथ ही दो अतिरिक्त मॉड्यूल भी होंगे। यही दो मॉड्यूल चांद की सतह से वहां की मिट्टी और पत्थर लेकर धरती पर वापस लौटेंगे।
चंद्रयान-4 मिशन के तहत जो पांच मॉड्यूल अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे, उनमें जो मॉड्यूल भेजे जाएंगे उनका विवरण नीचे दिया गया है-
प्रोपल्शन मॉड्यूलः चंद्रयान-3 मिशन की तरह प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रयान-4 को चांद की कक्षा में लेकर जाएगा।
डिसेंडर मॉड्यूलः यह मॉड्यूल चांद की सतह पर लैंड करेगा, जैसे चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर ने चांद पर लैंडिंग की थी।
असेंडर मॉड्यूलः चांद की सतह से सैंपल इकट्ठे करके असेंडर मॉड्यूल ही लैंडर से अलग होगा।
ट्रांसफर मॉड्यूलः यह मॉड्यूल चांद की सतह से असेंडर मॉड्यूल को लेकर चांद की कक्षा से बाहर आएगा।
रि-एंट्री मॉड्यूलः यही मॉड्यूल चांद की सतह से लिए गए सैंपल को धरती पर वापस लेकर आएगा।
चंद्रयान-4 मिशन में इसरो अपने एलवीएम-3 और पीएसएलवी दोनों रॉकेट का इस्तेमाल करेगा। पहले एलवीएम-3 लॉन्च व्हीकल प्रोपल्शन मॉड्यूल, डिसेंडर मॉड्यूल और असेंडर मॉड्यूल को लेकर उड़ान भरेगा। इसके बाद ट्रांसफर मॉड्यूल और रि-एंट्री मॉड्यूल को लेकर पीएसएलवी लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन को लेकर इसरो आने वाले दिनों में और ज्यादा जानकारी देगा।