अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम दरहोरा में जंगल के किनारे रहने वाले बुजुर्ग दंपती को हाथियों ने मार डाला। सोमवार भोर में पहुंचे दो दंतैल हाथियों ने बुजुर्ग दंपती का घर क्षतिग्रस्त करने के साथ ही पति-पत्नी को कुचल दिया। दोनों हाथी अभी भी पास के जंगल में ही जमे हुए हैं। हाथियों के कारण क्षेत्र में भय का माहौल है। प्रतापपुर वन परिक्षेत्र जंगली हाथियों से सर्वाधिक प्रभावित है। इसके बाद भी जंगली हाथियों की सही तरीके से निगरानी नहीं हो रही है।
सोमवार की भोर में दो हाथी ग्राम दरहोरा में जंगल किनारे रहने वाले बुजुर्ग दंपती के घर के नजदीक पहुंच गए। हाथियों की निगरानी नहीं हो रही थी। घर के भीतर बुजुर्ग हरिधन (70) साथ पत्नी नन्ही (65) सो रही थी। हाथियों ने घर को तोड़ना शुरू किया। डरकर दोनों घर से बाहर निकल आए। हाथियों से अचानक सामना हो गया। बुजुर्ग दंपती भाग नहीं सके। हाथियों ने दोनों को मार डाला। एक दंतैल सीतापुर, लुंड्रा से अंबिकापुर वनपरिक्षेत्र होते हुए कल्याणपुर के रास्ते प्रतापपुर वनपरिक्षेत्र में पहुंचा है।
दूसरा दंतैल वाड्रफनगर क्षेत्र में वितरण कर रहे 34 हाथियों के दल से अलग होकर प्रतापपुर क्षेत्र में पहुंचा है।कई दिन से दोनों घूम रहे है। इनमें से एक दंतैल ने पिछले दिनों लुंड्रा के बरगीडीह में कृषक को कुचल मार दिया था। आसपास रहने वाले लोगों ने शोर मचाया तो हाथी पास के जंगल में घुस गए। सूचना पर सुबह वनविभाग का अमला गांव में पहुंचा। वनअमले को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि बुजुर्ग दंपती के संतान नहीं थे। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जनसहयोग से उनके कच्चे मकान को ठीक किया गया था। हरिधन के जंगल किनारे बने घर के आसपास हाथियों की आवाजाही होती थी लेकिन इस बार उन्हें पहले सूचना नहीं मिली।घटना के बाद क्षेत्र में भय का माहौल है। हाथियों के आक्रामक व्यवहार को देखते हुए वन अधिकारियों ने हाथियों से सतर्क रहने एवं दूरी बनाकर रखने की हिदायत दी है।