छत्तीसगढ़

कौन हैं ये दादी पाना देवी, जिसने 92 साल की उम्र में लगा दी स्‍वर्ण पदकों की झड़ी…

बीकानेर : राजस्‍थान की पाना देवी गोदारा ने कमाल कर दिखाया है। 92 साल की उम्र में स्‍वर्ण पदकों की झड़ी लगा दी है। पाना देवी गोदारा ने हाल ही पुणे में आयोजित 44वीं नेशनल मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 में 100 मीटर दौड़, गोला फेंक व तश्तरी फेंक में तीन स्‍वर्ण पदक जीते हैं। वह अब वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने के लिए अगस्त में स्वीडन जाएंगी।

स्‍टेट व नेशनल लेवल पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली पानी देवी गोदारा अब अगस्‍त में स्‍वीडन में होने वाली प्रतियोगिता की तैयारियों में जुट गई है। बता दें कि 92 साल की उम्र में तीन स्‍वर्ण पदक जीतने वाली पाना देवी गोदारा राजस्‍थान के बीकानेर जिले की नोखा तहसील के गांव अणखीसर की रहने वाली हैं। एथलीट पोते जय किशन गोदारा इन्‍हें प्रेक्टिस करवाते हैं।मीडिया से बातचीत में जय किशन गोदारा कहते हैं कि वे खुद भी एथलीट हैं। बच्‍चों को विभिन्‍न खेलकूद प्रतियोगिताओं का अभ्‍यास करवाते हैं। बच्‍चों को अभ्‍यास करते देख ही दादी पाना देवी का भी खेलों के प्रति रुझान हुआ।

जयकिशन कहते हैं कि वे एक दिन अपनी दादी को सामान्‍य दिनों की तरह खेल स्‍टेडियम लेकर आए थे। उसके बाद से दादी नियमित रूप से आने लगी और 100 मीटर दौड़, गोला फेंक व तश्तरी फेंक की तैयारी करने लगी।दादी के तैयारी देख गोदारा परिवार उन्‍हें स्‍थानीय प्रतियोगिताओं में भी ले जाने लगा। पहले जिला फिर स्‍टेट और अब नेशनल लेवल पर दादी ने डंका बजा दिया। एक साथ तीन स्‍वर्ण पदक जीत डाले।

पाना देवी गोदारा की डाइट

जय किशन कहते हैं कि दादी अपने खेल के साथ-साथ डाइट पर पूरा फोकस रखती हैं। साथ ही नियमित रूप से घरेलू काम भी करती हैं। यही इनकी सेहत का भी राज है। ये रोजाना 2 घंटे मैदान में अभ्‍यास करती हैं।

पाना देवी फास्ट फूड, डिब्बाबंद खाना या ठंडे पानी से दूरी बनाए रखती हैं। पांच बेटों और तीन बेटियों की मां पाना देवी स्वस्थ हैं, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह राष्ट्रीय टीम में खेलकर गांव का नाम रोशन करेगी।