
कोरबा। SECL की मानिकपुर खदान में स्थानीय ग्रामीणों ने शुक्रवार (6 जून) को प्रदर्शन किया। भिलाई खुर्द, कुदरी, रापखरा और ढेलवाडीह समेत पांच गांवों के लोग खदान पहुंचे और राखड़ परिवहन रोक दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि बालको, एनटीपीसी और सीएसईबी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। खदान में केवल राखड़ डंप किया जा रहा है। नियमानुसार ओवरबर्डन यानी निर्माता मिट्टी का डंपिंग भी होना चाहिए। मिट्टी न डालने से राखड़ हवा में उड़ रही है।
भूस्थापित अमन पटेल ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया। पत्राचार भी किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हवा चलने पर राखड़ उड़कर घरों में पहुंच जाती है। खाना-पीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने काम बंद कराने की मांग की है।

ग्रामीणों ने राखड़ परिवहन रोका।
खदान में काम बंद कराने की मांग
ग्रामीण रामेलाल के मुताबिक, इस समस्या से लोग कैंसर, दमा और टीबी जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। राखयुक्त पानी खेतों में जा रहा है। सब्जियों पर राखड़ जमने से जमीन की उर्वरता भी कम हो रही है। ग्रामीणों ने एसईसीएल के खिलाफ नारेबाजी की और खदान में काम बंद कराने की मांग की।

कोरबा में उड़ती धूल से लोग परेशान हैं ।
प्रोडक्शन बंद करने की चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते उनके मांगे पूरी नहीं हुई तो आने वाले दिनों में वह पूरा प्रोडक्शन ही बंद कर देंगे। बता दें कि ग्रामीणों ने पहले भी इसका विरोध किया था। समाधान नहीं निकलने पर फिर प्रदर्शन करने उतरे।