नईदिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर वार-पलटवार को लेकर सियासी पारा गर्म है। बीजेपी जहां विरासत टैक्स, मुस्लिम आरक्षण के साथ-साथ कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर जमकर घेर रही है। वहीं संपत्ति बंटवारे का मुद्दा छेड़ने वाले सैम पित्रोदा ने नया विवाद खड़ा कर दिया।
हाल ही में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स की वकालत करके भाजपा को बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया था। वहीं अब उन्होंने भारतीयों की तुलना चीनीस अफ्रीकन और श्वेत लोगों से कर दी, जिसके बाद नया विवाद पनपना लाजमी है। ऐसे में जानिए कौन हैं सैम पित्रोदा? जिनके बयान ने चुनावों के बीच कांग्रेस को नई मुसीबत में डाल दिया। इंहेरिटेंस टैक्स यानी विरासत कर पर दिए सैम पित्रोदा के बयान के बाद देश में नई बहस छिड़ गई थी। वहीं अब सैम पित्रोदा ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीनी जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे दिखते हैं।
जानिए कौन हैं सैम पित्रोदा?
सैम पित्रोदा को राहुल गांधी के करीबी और राजनीतिक गुरु के तौर पर जाना जाता है। किसी वक्त पूर्व पीएम राजीव गांधी के खास रहे पित्रोदा मौजूदा वक्त में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। सैम पित्रोदा यूपीए सरकार के समय मनमोहन सिंह के जन सूचना संरचना और नवप्रवर्तन सलाहकार रह चुके हैं।
प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पित्रोदा ने दूरसंचार, जल, साक्षरता, टीकाकरण, डेयरी उत्पादन और तिलहन से संबंधित 6 प्रौद्योगिकी मिशनों का नेतृत्व किया। वह भारत के दूरसंचार आयोग के संस्थापक और पहले अध्यक्ष भी थे।
- सैम पित्रोदा का असली नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है।
- 4 मई 1942 को सैम पित्रोदा का जन्म ओडिशा के एक गुजराती परिवार में हुआ था।
- सैम के पिता बढ़ई का काम करते थे, इनकी शुरुआती शिक्षा गुजरात में हुई।
- इन्होंने फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर्स किया है।
- आगे की पढ़ाई अमेरिका की इलिनॉइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से की है।
सैम पित्रोदा को भारत में सूचना क्रांति का जनक के तौर पर जाना जाता है। देश में मोबाइल क्रांति में उनका बड़ा योगदान रहा है, साल 2005 से 2009 तक पित्रोदा भारतीय ज्ञान आयोग के चेयरमैन रह चुके हैं। हालांकि उनका विवादों से भी गहरा नाता रहा है। उन्होंने कई दफा ऐसे बयान दिए हैं, जिसके चलते कांग्रेस पार्टी को सफाई देनी पड़ी है।
अब सैम की किस बात पर उपजा सियासी विवाद
इससे पहले सैम पित्रोदा का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने अमेरिका के विरासत टैक्स का जिक्र करते हुए उसका समर्थन किया। बता दें कि विरासत कानून के तहत किसी भी शख्स की पूरी संपत्ति का अधिकार नहीं है। इस कानून के तहत 45 फीसदी संपत्ति कोई शख्स मरने के बाद अपने बच्चों को दे सकता है, जबकि 55 फीसदी संपत्ति सरकार के पास चली जाती है।