नईदिल्ली I हरियाणा बीजेपी की नेता और बिग बॉस फेम व टिक-टॉक स्टार सोनाली फोगाट की मौत के रहस्य से अभी तक पर्दा नहीं उठ सका है. हालांकि इस मामले में अब गोवा कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कर्लिस रेस्टोरेंट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ऑथोरिटी ने रेस्तरां गिराने के आदेश दिए हैं. सोनाली फोगाट मर्डर केस के बाद से कर्लिस रेस्टोरेंट पर गोवा प्रशासन की नजर थी. इसके मालिक एडविन नून्स को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
जानकारी के मुताबिक जांच में गोवा पुलिस को कर्लिस रेस्तरां के पब से सीसीटीवी मिली थी, जिसमें सोनाली फोगाट के पीए सुधीर सांगवार और सोनाली साथ में डांस करते दिखाई पड़ रहे हैं. सीसीटीवी में देखा जा सकता है कि सुधीर अपने हाथ से जबरदस्ती सोनाली को कोई ड्रिंक पिला रहा है. पुलिस ने सोनाली की मौत के मामले में अब तक चार आरोपियों को हिरासत में लिया है. जिन आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है उनमें सोनाली का पीए सुधीर सांगवान, दोस्त सुखविंदर, गोवा कर्लीज पब का मालिक और ड्रग पैडलर शामिल हैं. इन सभी आरोपियों पर सोनाली की हत्या का आरोप है.
गोवा पुलिस ने सोनाली फोगाट की मौत के मामले में गोवा के अंजुना बीच स्थित कर्लीज पब के मालिक और सुधीर सांगवार तक ड्रग पहुंचाने वाले पैडलर को भी गिरफ्तार किया है. बता दें कि पुलिस को जांच में पाया कि सिन्थेटिक ड्रग्स होटल के उसी वॉथरूम से मिला है, जहां पर सोनाली गई थीं. इस मामले में पकड़े के ड्रग्स पैडलर ने बताया है कि 1.5 ग्राम MDMA ड्रग पहले से बोतल में डालकरा सोनाली फोगाट को देने के लिए रखी गई थी. इसी बोतल से सोनाली फोगाट को ड्रग दी गई थी, जिसे पीने के बाद सोनाली की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी.
NGT ने भी कर्लिस रेस्टोरेंट को गिराने का रास्ता किया साफ
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कर्लिस रेस्टोरेंट के मालिक एडविन नुन्स की गोवा कोस्टल जोन मैनेजमेंट ऑथोरिटी के कर्लिस रेस्तरां को गिराने के आदेश के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. इस कदम के बाद NGT ने भी कर्लिस रेस्टोरेंट को गिराने का रास्ता साफ कर दिया है. दरअसल GCZMA ने 21 जुलाई 2016 को कर्लिस रेस्टोरेंट को गिराने का आदेश दिया था. आदेश में कहा गया था कि कर्लिस नो डेवलपमेंट जोन में अवैध रूप से बनाया गया है, जिसके खिलाफ़ कर्लिस रेस्टोरेंट के मालिक एडविन नून्स ने एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में अपील की थी. इस अपील को 6 सितंबर 2022 को एनजीटी ने ख़ारिज कर दिया गया है.