छत्तीसगढ़

दुर्गा पूजा कमेटियों को ग्रांट देने के मामले में ममता सरकार को राहत, हाई कोर्ट ने दी अनुमति

कोलकाता I बंगाल के दुर्गा पूजा कमेटियों को ग्रांट देने के मामले में ममता बनर्जी की सरकार को हाई कोर्ट से राहत मिली है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पूजा कमेटियों में अनुदान देने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सशर्त अनुमति दे दी है. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने 6 दिशानिर्देश राज्य सरकार को दिये हैं और उन्हें पालन करने के लिए कहा है. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ की बेंच में मंगलवार को इस मामले की सुनवाई है. इस सुनवाई के बाद बेंच ने यह आदेश दिया.

बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में 60,000 से 43,000 दुर्गा पूजा समितियों को सरकारी अनुदान देने की घोषणा की. इसके खिलाफ कोर्ट में तीन जनहित याचिकाएं जारी की गई थी और ग्रांट पर रोक लगाने की फरियाद की गई थी, लेकिन कोर्ट ने मंगलवार को ग्रांट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

43 हजार पूजा कमेटियों को 60 हजार रुपये का अनुदान देगी ममता सरकार

बता दें कि पिछले दो वर्षों में राज्य द्वारा पूजा समितियों को दिया गया अनुदान 50,000 था. इस बार मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 हजार रुपये के दान के अलावा पूजा समितियों को बिजली बिल में भी छूट मिलेगी. उन्होंने सीईईई और राज्य विद्युत वितरण बोर्ड से पूजा समितियों को बिजली बिलों पर 60 प्रतिशत छूट देने का भी अनुरोध किया है. इसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय में दो जनहित के मामले दायर किए गए थे. उस मामले की मंगलवार को सुनवाई हुई है और सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा.

कोर्ट से आदेश से पूजा कमेटियों ने ली राहत की सांस

बता दें कि जनहित याचिका में कहा गया था कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों को महंगे भत्ते नहीं मिल रहे हैं. अभी भी बहुत से लोगों को भोजन, स्वच्छ पानी, बिजली, दवा नहीं मिल रही है, यह दान क्यों? कई लोगों के पास स्कूल जाने के साधन नहीं हैं, फिर भी राज्य पूजा में सब्सिडी दी जा रही है? क्या यह अनुदान किसी बड़े जनहित में काम करेगा? ये सारे सवाल जनहित याचिका में उठाए गए थे. याचिका सुबीर कुमार घोष ने दायर की थी. बता दें कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू हो गई है. पितृपक्ष शुरू होने के साथ ही मूर्तियों के बनाने और पंडाल बनाने का काम भी शुरू हो गया है. ऐसे में पूजा कमेटियों की निगाहें कोर्ट पर टिकी थी. कोर्ट के आदेश के बाद अब उन्हें राज्य सरकार की ओर से अनुदान मिल पाएगा.