छत्तीसगढ़

कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का हो ऑडिट, मिले मुआवजा: संसदीय कमेटी

नईदिल्ली I कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. उस दौरान कोरोना के मामलों में भी बड़ा इजाफा देखने को मिला था. कोरोना से हुई मौतों की अहम वजह ऑक्सीजन की कमी बताई गई थी. इसे लेकर उस समय भी पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठी थी. अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की है. इसमें सुझाव दिया गया है कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों के परिवारों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए. साथ ही इन मौतों का ऑडिट भी होना चाहिए.

इस कमेटी का नेतृत्व सपा नेता राम गोपाल यादव कर रहे थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि कमेटी इस मामले में सरकार की नजरअंदाजी से काफी हताश है. साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को यह सुझाव देती है कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर समेत कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के मामले की जांच करे.

…ताकि चुनौतियों से निपटा जा सके

कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि मंत्रालय को राज्यों के साथ मिलकर कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का जरूरी रूप से ऑडिट करना चाहिए. इसके साथ ही इन मौतों पर पर दस्तावेज भी तैयार करने चाहिए. ताकि भविष्य में देश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने में मदद मिल सके. साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित चुनौतियों से निपटा जा सके.

संसदीय कमेटी ने कहा है कि वो सरकारी एजेंसियों से इस संबंध में पारदर्शिता और जिम्मेदाराना रवैया चाहती है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है कि मंत्रालय को इन मौतों के मामले की जांच करनी चाहिए और ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए.

ऑक्सीजन को लेकर लोग थे परेशान

कमेटी ने यह भी कहा है कि कोरोना काल में कई बार ऐसा देखने को मिला था कि मरीजों की ओर से ऑक्सीजन के लिए विनती की जा रही थीं. लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लाइनों में भी लगे हुए देखा गया था. साथ ही मीडिया में ऐसी खबरें चली थीं जो अस्पतालों में भी ऑक्सीजन खत्म हो रही थी. यह थोड़े समय के लिए ही बची हुई थी. अप्रैल 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को मेडिकल ऑक्सीजन के खराब प्रबंधन को लेकर खरीखोटी सुनाई थी.