छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : रेल यात्रा से दूरी बना रहे लोग, अक्टूबर में दीपावली-दशहरा फिर भी ट्रेनें खाली, क्योंकि यात्रियों में अचानक कैंसिल होने का डर

रायपुर I दशहरा और दीपावली यानी ट्रेनें पैक। लंबी दूरी की ज्यादातर ट्रेनों में तीन-तीन महीने पहले यात्री बुकिंग कर अपनी सीट पक्की करवा लेते हैं। परंतु इस साल हालत उलट हैं। अक्टूबर के शुरुआत में दशहरा और अंतिम सप्ताह में दीपावली है। इसके बावजूद अक्टूबर के पूरे महीने में इक्का-दुक्का दिनों को छोड़कर लगभग सभी लंबी दूरी की ट्रेनों में सीटें खाली हैं।

रेलवे टिकट के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है 1 अगस्त से 10 सितंबर तक ही 188 ट्रेनें कैंसिल हो चुकी है। कई-कई दिन पहले टिकट रिजर्वेशन करवाने वालों की ट्रेनें यात्रा के एक-दो दिन पहले कैंसिल कर दी गईं। यात्रियों को अभी भी ये डर है कि ऐन त्योहार के मौके पर ट्रेनें कैंसिल हुईं तो उनके पास दूसरा विकल्प नहीं रहेगा।

ट्रेनों में रिजर्वेशन की ताजा स्थिति के अनुसार उत्तर-प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों में अभी भी तुरंत में सीटें आसानी से मिल रही है। रायपुर रेलवे स्टेशन से एक दिन में 50 हजार यात्री आना और जाना करते हैं। त्योहारी सीजन में ये संख्या बढ़कर 70 हजार तक पहुंच जाती है, क्योंकि दशहरा और दीपावली पर अक्सर लोग त्योहार मनाने गांव जाते हैं। त्योहारों के चलते उत्तर-प्रदेश, विहार और दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट इतनी बढ़ जाती है कि नो रूम की स्थिति रहती थी।

यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे प्रशासन को स्पेशल ट्रेन के साथ ही ज्यादातर ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाना पड़ जाता था। लेकिन उसके बाद भी यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पाती थी। यात्री मजबूरी में अधिक पैसे खर्च कर तत्काल टिकट लेकर सफर करते थे। पहली बार ये स्थिति बनी है कि त्योहारी सीजन में भी ट्रेनों में सीट आसानी से मिल रही है।

फ्लाइट की टिकटें फुल, अक्टूबर की बुकिंग का किराया अभी से दोगुना
इस बार त्योहारों के लिए फ्लाइट की टिकटें अभी से बुक होनी शुरू हो गई हैं। सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के लिए बड़ी संख्या में टिकटों की एडवांस बुकिंग जारी है। दिल्ली, मुंबई, गोवा, कोलकाता, हैदराबाद के टिकटों की कीमत दोगुना हो गई है। अक्टूबर और नवंबर के लिए अभी गोवा की टिकट का किराया 10 हजार से 12 हजार तक आ रहा है। आम दिनों में इसका किराया 5000 से 6000 तक ही होता है। इसी तरह दिल्ली और मुंबई की टिकटें अभी 5500 से 6500 रुपए में मिल ही है। लेकिन दिवाली और दशहरा के समय टिकट बुक कराने पर किराया 8500 से 10 हजार रुपए पहुंच जा रहा है।

रेलवे वेबसाइट के अनुसार अक्टूबर के गिनती के दिनों में ही सीटें फुल बाकी दिनों में खाली

  • सारनाथ एक्सप्रेस- 18 को स्लीपर में आरएसी, 22 को स्लीपर में 24 वेटिंग, 25 और 27 अक्टूबर को दो दिन एसी और स्लीपर में वेटिंग। बाकी पूरे महीने सीटें खाली।
  • अमरकंटक एक्सप्रेस-1 से 31 तक एसी थ्री टायर और स्लीपर कोच में खाली।
  • छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस- 1 को स्लीपर में 24 आरएसी। बाकी पूरे महीने सीटें खाली। थ्री टायर एसी में एक अक्टूबर को 31 आरएसी। बाकी महीने भर सीटें खाली।
  • गोंडवाना एक्सप्रेस- 1 को स्लीपर में 23, 8 को 48 और 22 को 50 वेटिंग बाकी दिन खाली। थर्ड एसी में एक से 31 अक्टूबर तक सीटें खाली हैं।
  • दुर्ग नवनतवा एक्सप्रेस- 5, 7, 12, 1, 19, 21, 26 और 28 को चलेगी। इसमें स्लीपर में 21, 26, और 28 वेटिंग बाकी दिन खाली। एसी में सारी सीटें खाली हैं।
  • गोंदिया बरौनी एक्सप्रेस- एसी थर्ड में 8, 9, 16 को स्लीपर में, 22 व 24 को एसी तृतीय श्रेणी में वेटिंग है। बाकी पूरे महीने ट्रेन खाली है।
  • दुर्ग अंबिकापुर एक्सप्रेस में 1 से 31 अक्टूबर तक स्लीपर और एसी में सीटें अव-लेबल हैं।

ट्रेनों के अचानक रद्द होने और जरूरत से ज्यादा विलंब से चलने की वजह से ट्रेन से सफर करने वाले यात्री अब फ्लाइट या बस पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। रेलवे ने यात्रियों को ऐसी स्थिति में लाकर छोड़ दिया है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। इसलिए सीटें खाली चल रही है।

-सौरभ अग्रवाल, अधिकृत रेल टिकट एजेंट

आमतौर पर त्योहार आते-आते ज्यादातर ट्रेनें पैक हो जाती हैं। अभी फिलहाल रिजर्वेशन मिल रहा है।

-शिव प्रसाद, सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर रायपुर